बिहार चुनाव में महज एक सीट जीतने पर गदगद हुईं मायावती, बोलीं- 'विरोधियों की रणनीति हो गई फेल'
बिहार विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने केवल एक सीट जीती, लेकिन पार्टी अध्यक्ष मायावती इससे बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी यह जीत कार्यकर्ताओं की मेहनत और जनता के विश्वास का परिणाम है। मायावती ने विरोधियों की रणनीति को विफल बताते हुए दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखने की बात कही।

बिहार चुनाव में रामगढ़ जीत पर गदगद हुईं मायावती।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बिहार विधानसभा चुनाव में कैमूर जिले की रामगढ़ सीट पर बसपा उम्मीदवार सतीश कुमार सिंह यादव की जीत को पार्टी सुप्रीमो मायावती ने विरोधियों की पूरी कोशिशों पर कार्यकर्ताओं की मेहनत की जीत बताया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि वोटों की गिनती बार-बार करवाने के बहाने प्रशासन और सभी विरोधी दल एकजुट होकर बसपा उम्मीदवार को हराने में जुटे थे, लेकिन बसपा के जुझारू कार्यकर्ता अंत तक डटे रहे और विरोधियों की रणनीति नाकाम हो गई।
मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और समर्थकों को इस जीत के लिए दिल से धन्यवाद दिया। कहा कि यह जीत संगठन की मजबूती और जमीनी मेहनत का परिणाम है।
उन्होंने यह भी बताया कि रामगढ़ के अलावा आसपास की अन्य सीटों पर भी बसपा उम्मीदवारों ने कड़ी टक्कर दी, लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके। फीडबैक के अनुसार, यदि चुनाव निष्पक्ष होते तो बसपा कई और सीटें जीत सकती थी।
मायावती ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे घबराने की बजाय भविष्य के लिए और मजबूत तैयारी करें। कहा कि आगे भी मेहनत जारी रखकर बिहार को बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर और कांशीराम के ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ के सपनों की धरती बनाया जा सकता है।
वहीं, बिहार चुनाव के बाद कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए बसपा छह दिसंबर, बाबा साहेब आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर नोएडा में एक बड़ी रैली आयोजित कर सकती है। इससे पहले नौ अक्टूबर को कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर भी बसपा ने रैली की थी।

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