मायावती ने पहले बसपा संगठन में किया फेरबदल, अब मंडल स्तरीय पदाधिकारियों के बीच नहीं बटेंगे जिले
बसपा सुप्रीमो मायावती ने आगामी बैठकों से पहले पार्टी संगठन में फेरबदल किया है। नए बदलाव के अनुसार, मंडल स्तर के पदाधिकारियों के बीच जिलों का विभाजन नहीं होगा। यह निर्णय संगठनात्मक कार्यों को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से लिया गया है। मायावती का यह कदम बसपा को मजबूत करने की दिशा में एक प्रयास है।
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने 16 अक्टूबर को जिले स्तर तक के पदाधिकारियों की बैठक से पहले एक बार फिर राज्य के संगठन में फेरबदल किया है। अब संगठन के मंडल स्तरीय पदाधिकारियों के बीच जिलें नहीं बटेंगे। सभी पदाधिकारी समान रूप से मंडल के सभी जिलों में संगठन के कामकाज को देखेंगे।
पार्टी सूत्रों के अनुसार मायावती ने लखनऊ मंडल के छह जिलों को तीन-तीन में बांटने की पूर्व में की गई व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। अब लखनऊ मंडल में पूर्व सांसद घनश्याम चंद्र खरवार, सुरज सिंह जाटव, शमसुद्दीन राईन, मौजी लाल गौतम और राकेश गौतम को लगाते हुए समान रूप से सभी को छह जिलों का काम सौंपा है।
इसी तरह अन्य मंडलों में भी नए सिरे से पदाधिकारियों को दायित्व सौंपा गया है। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के मंडलों में भी बदलाव किया गया है। नौशाद अली को जहां अब आजमगढ़ व वाराणसी मंडल भी सौंपे गए हैं वहीं मुनकाद अली को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगाया गया है।
दिनेश चंद्र को कानपुर व चित्रकूट मंडल जबकि डा. विजय प्रकाश को पूर्वांचल के मंडलों की जिम्मेदारी दी गई है। मिशन-2027 की सफलता के लिए सर्वजन समाज को साधने के मद्देनजर नए सिरे से भाईचारा कमेटियों को भी सक्रिय किया जा रहा है। माल एवेन्यू स्थित पार्टी मुख्यालय पर होने वाली बैठक में बूथ कमेटियों के गठन के कार्यों की समीक्षा भी की जाएगी।
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