भ्रष्टाचार पर चला योगी सरकार का चाबुक, मुजफ्फरनगर के SDM जयेन्द्र सिंह को किया सस्पेंड
मुजफ्फरनगर के जानसठ के एसडीएम जयेन्द्र सिंह को सरकारी जमीन में हेराफेरी के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने नियमों को तोड़कर एक किसान को 750 बीघा जमीन का गैरकानूनी तरीके से फायदा पहुंचाया। शिकायत मिलने पर सहारनपुर के मंडलायुक्त ने जांच कर रिपोर्ट भेजी जिसके बाद यह कार्रवाई हुई। निलंबन के दौरान उन्हें राजस्व परिषद कार्यालय से संबद्ध किया गया है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपित मुजफ्फरनगर जानसठ के उपजिलाधिकारी जयेन्द्र सिंह को गुरुवार को निलंबित कर दिया है। उन पर आरोप है कि सरकारी भूमि को संक्रमणीय भूमिधर घोषित करते हुए वादी को मनमाने तरीके से लाभ पहुंचाया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें राजस्व परिषद कार्यालय से संबद्ध किया गया है। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जांच शुरू करते हुए बरेली के मंडलायुक्त को जांच सौंपी गई है।
नियुक्ति विभाग ने गुरुवार को उनका निलंबन आदेश जारी कर दिया है। उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई सहारनपुर के मंडलायुक्त द्वारा प्रदेश सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर की गई है। मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी द्वारा कराई गई जांच में एसडीएम को प्रथमदृष्टया दोषी पाया गया है। इसमें कहा गया है कि जानसठ तहसील में अमृतपाल बनाम सरकार का वाद चल रहा था।
ग्राम इसहाक वाला स्थित डेरावाल कोआपरेटिव फार्मिंग सोसायटी की करीब 750 बीघा जमीन पर विवाद चल रहा था। उपजिलाधिकारी कार्यालय में इस वाद की सुनवाई चल रही थी, उन्होंने नियमों को दरकिनार करते हुए जमीन की स्वामित्व का अधिकार संबंधी आदेश अमृतपाल सिंह के पक्ष में कर दिया। दूसरे पक्ष ने इस मामले में जिलाधिकारी से शिकायत की थी। इसी आधार पर मामले की स्थानीय स्तर पर जांच कराते हुए मंडलायुक्त सहारनपुर को रिपोर्ट दी गई थी। उन्होंने संस्तुति के साथ शासन को पूरी रिपोर्ट भेजी थी।
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