Nipun Bharat Mission: बच्चों की पढ़ाई में शिक्षकों की भागीदारी बढ़ाने व शिक्षकों के नवाचार पर जोर
Nipun Bharat Mission in UP: बालवाटिकाओं के लिए यह कहा गया है कि बच्चा दो से तीन अक्षरों वाले सरल शब्द पढ़ सके और अपना नाम पहचान व लिख सके। कक्षा एक में बच्चा चार-पांच शब्दों वाले छोटे वाक्य पढ़ और दो-तीन वाक्य लिख सके। कक्षा दो में बच्चा छह से आठ वाक्य के अज्ञात पाठ को समझ और अपने शब्दों में चार-पांच वाक्य लिख सके।

बालवाटिका से कक्षा-दो तक के लिए भाषा और गणित के लक्ष्य तय
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: परिषदीय विद्यालयों में ‘निपुण भारत मिशन’ के प्रभावी क्रियान्वयन पर एक बार फिर जोर है। अब सिर्फ बच्चों की सीखने की क्षमता ही नहीं, बल्कि अभिभावकों की भागीदारी और शिक्षकों के नवाचारी प्रयासों पर भी खास ध्यान दिया जाएगा। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों को हर स्तर पर मिशन मोड में लागू किया जाए।
राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से इसके लिए विभिन्न जिलों में एसआरजी, एआरपी, डायट मेंटर्स और खंड शिक्षा अधिकारियों की कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। इन बैठकों में समग्र शिक्षा के विशेषज्ञ मिशन के लक्ष्यों, रणनीतियों और शिक्षण नवाचारों पर विस्तृत चर्चा हो रही है। इसमें निपुण के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। बालवाटिका से कक्षा-दो तक के लिए भाषा और गणित के लक्ष्य तय है।
बालवाटिकाओं के लिए यह कहा गया है कि बच्चा दो से तीन अक्षरों वाले सरल शब्द पढ़ सके और अपना नाम पहचान व लिख सके। कक्षा एक में बच्चा चार-पांच शब्दों वाले छोटे वाक्य पढ़ और दो-तीन वाक्य लिख सके। कक्षा दो में बच्चा छह से आठ वाक्य के अज्ञात पाठ को समझ और अपने शब्दों में चार-पांच वाक्य लिख सके। इसी तरह गणित में बच्चे को एक अंकीय और दो अंकीय संख्याओं की पहचान, जोड़-घटाव और 100 रुपये तक की मुद्रा से लेन-देन करने का अभ्यास कराया जाएगा।
शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि शिक्षक कक्षा में ऐसा जीवंत और समावेशी वातावरण बनाएं जिससे बच्चों में सीखने की रुचि बढ़े और वे विद्यालय आने के लिए प्रेरित हों। इसके लिए संदर्शिका, कार्यपुस्तिका, प्रिंट-रिच सामग्री, टीएलएम और किट्स जैसी उपलब्ध शिक्षण सामग्री का प्रभावी उपयोग किया जाए।
मिशन के लक्ष्यों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों को निपुण विद्यालय घोषित कर उनका विशेष लोगो पेंट कराया जाएगा। वर्तमान सत्र 2025-26 में भी सभी परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 'निपुण विद्यालय आकलन' कराया जाएगा। इसके लिए छात्रों का नियमित मूल्यांकन ‘निपुण ऐप’ के माध्यम से करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि बच्चे आत्मविश्वास के साथ इस आकलन में भाग ले सकें।

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