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    JPNIC: चार सालों से नहीं हो पाया फैसला, अब बोर्ड ऑफ ट्रस्टी आज तय करेगी जेपीएनआइसी के बचे हुए काम का भविष्य

    By Rafiya NazEdited By:
    Updated: Mon, 23 Aug 2021 02:01 PM (IST)

    लखनऊ में जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआइसी) को लेकर चल रही कवायद पर मंगलवार को विराम लग सकता है। क्योंकि बोर्ड ऑफ ट्रस्टी यानी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक 24 अगस्त को प्रस्तावित है।

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    बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक में जेपीएनआइसी को लेकर बड़ा फैसला होने की उम्मीद।

    लखनऊ, जागरण संवाददाता। जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआइसी) को लेकर चल रही कवायद पर मंगलवार को विराम लग सकता है। क्योंकि बोर्ड ऑफ ट्रस्टी यानी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक 24 अगस्त को प्रस्तावित है। इस बैठक में जेपीएनआइसी के बचे हुए काम और संचालन को लेकर बड़ा फैसला हो सकता है। पिछले साढ़े चाल से मीटिंगों का दौर चल रहा है। नवनियुक्त उपाध्यक्ष ने चंद दिनों पहले लविप्रा की पूरी टीम के साथ निरीक्षण किया था और समझा था क्या काम होने हैं, जिससे इसका संचालन आसानी से शुरू किया जा सके।

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    लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि शासन द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम द्वारा पहले ही जांच करके रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है। वर्तमान में जो स्थितियां हैं, उससे शासन को समय-समय पर अवगत कराया जा चुका है। प्रोजेक्ट के संचालन व बचे हुए काम को लेकर बैठक मंगलवार को प्रस्तावित है, बचे हुए काम को करने के लिए करोड़ों रुपये की आवश्यकता होगी। बता दें कि लविप्रा ने 12 जुलाई 2021 को रिवाइजड डीपीआर जेपीएनआइसी का शासन को उपलब्ध करा चुका है। वहीं जेपीएनआइसी केंद्र सोसाइटी का रजिस्ट्रेशन की वैधता भी 13 अक्टूबर 2021 को खत्म हो रही है। यह मामला भी गर्वनिंग बॉडी के समक्ष रखा जा चुका है, लेकिन अभी वैधता आगे बढ़ाई नहीं गई है। गोमती नगर के विपिन खंड स्थित जेपीएनआइसी 864.99 करोड़ के सापेक्ष राज्य सरकार द्वारा 821.74 करोड रुपये जारी किए जा चुके हैं। वहीं कार्यदायी संस्था लविप्रा द्वारा 813.13 करोड़ दिए जा चुके हैं और योजना आज भी चालू नहीं हो सकी।

    आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा जेपीएनआइसी: जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र आधुनिक सुविधाओं से लैस है। उत्तर प्रदेश का पहला आल वेदर स्वीमिंग इसी जेपीएनआइसी में है। खेलकूद की गतिविधियों को बढ़ाने में भी जेपीएनआइसी का महत्वपूर्ण हाथ होगा। वर्तमान में सिर्फ छह माह ही स्वीमिंग के शौकिन तैराकी कर पाते हैं। जेपीएनआइसी शुरू होने पर यह सुविधा साल भर सभी मौसमों में मिलेगी।