बिहार के किशोर की अपहरण कर हत्या, लखनऊ से मांगी गई थी फिरौती; UP STF ने गिरोह को पकड़ा
बिहार के सूरज कुमार की ओएलएक्स पर आईफोन खरीदने के चक्कर में जान चली गई। बदमाशों ने उसे अगवा कर हत्या कर दी और फिरौती भी मांगी। यूपी एसटीएफ ने बिहार पुलिस के साथ मिलकर पांच आरोपियों को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया। बदमाशों ने पहले सूरज को ठगा फिर अपहरण कर हत्या कर दी थी। कन्हैया नाम के रिश्तेदार ने ही ठगी और अपहरण की योजना बनाई थी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। ओएलएक्स पर एक विज्ञापन देखकर आइफोन खरीदने के लिए बिहार का सूरज कुमार उर्फ सुंदरम (14) ठगों के जाल में ऐसा फंसा कि अपनी जान तक गंवा दी। वारदात बिहार में की गई सूरज की हत्या तक नहीं थमी।
बदमाश भागकर उत्तर प्रदेश आ गए और सूरज के जीवित होने का दावा कर उसके घरवालों से 30 लाख रुपये की फिरौती मांगते रहे। पुलिस से बचने के लिए दिल्ली और फिर फरीदाबाद (हरियाणा) तक जा पहुंचे।
बिहार पुलिस की सूचना पर सक्रिय हुई यूपी एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने तीन दिनों की घेरेबंदी के बाद आखिरकार फरीदाबाद में पांच बदमाशों को दबोच लिया। पकड़े गए आरोपितों में नवादा निवासी सूरज कुमार, शिवम कुमार, कन्हैया कुमार, सुमन कुमार व शिवम कुमार शामिल हैं। बिहार पुलिस उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर अपने साथ ले जाएगी।
बिहार के नवादा निवासी पवन सिंह के बेटे सूरज कुमार लगभग चार माह पहले बदमाशों के चंगुल में फंसा था। सूरज कुमार ने ओएलएक्स पर आइफोन का विज्ञापन देखा था। उसने विज्ञापन पर दिए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। डील तय होने पर सूरज ने आनलाइन अपना आधार कार्ड साझा किया।
सूरज ने क्यूआर कोड के माध्यम से 1.15 लाख रुपये का भुगतान भी कर दिया पर उसे फोन नहीं मिला। सूरज ने यह बात अपने दोस्तों से साझा की। एसटीएफ के सीओ प्रमेश कुमार शुक्ला ने बताया कि बदमाशों में शामिल कन्हैया नाम का युवक ठगी का शिकार हुए सूरज का दूर का रिश्तेेदार है।
उसने फोन के नाम पर की गई ठगी में शामिल चार अन्य साथियों के साथ मिलकर सूरज से और रुपये ऐंठने की योजना बनाई। 19 अगस्त को सूरज को फोन देने का झांसा देकर वारसलीगंज (बिहार) रेलवे स्टेशन पर बुलाया गया।
जहां से उसे किराये के आटो से बागी बगडिहा गांव के पास स्थित बालू खदान में ले जाया गया। जहां मारपीट की गई और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। शव को वहीं बालू में दबाकर पांचों बदमाश लखनऊ आ गए।
आरोपितों ने 20 अगस्त को चारबाग रेलवे स्टेशन से सूरज के फोन से पहली बार उसके घरवालों को काल की। कहा, सूरज उनके कब्जे में है और उसे मुक्त करने के लिए दो दिनों में 30 लाख रुपये फिरौती मांगी।
उधर, बिहार पुलिस ने बदमाशों की लोकेशन लखनऊ में पाकर यूपी एसटीएफ से मदद मांगी। सीओ प्रमेश शुक्ला की टीम को सक्रिय किया गया। उपनिरीक्षिक जावेद आलम सिददीकी, मुख्य आरक्षी कवीन्द्र साहनी, मृत्युंजय कुमार सिंह, यशवन्त कुमार सिंह व आरक्षी अफजाल परवेज बदमाशों की लोकेशन ट्रेस करने में जुट गए। चारबाग के बाद बदमाशों की लोकेशन हरदोई में पाई गई।
जबकि 21 अगस्त काे बरेली से बदमाशों ने सूरज के घरवालों को फिर फोन किया। इस बीच एसटीएफ को बदमाशों के कुछ अन्य नंबर भी मिल गए। बदमाश पुलिस को चकमा देने के लिए दिल्ली चले गए। दो-तीन बदमाश 22 अगस्त को दिल्ली से बरेली आए और सूरज के घरवालों को फिर काल कर फिरौती की रकम जल्द देने की धमकी दी।
इसके बाद सभी फरीदाबाद (हरियाणा) भाग गए। एसटीएफ को उनकी फरीदाबाद की लोकेशन मिल गई और उसकी सूचना पर बिहार पुलिस भी पहुंच गई। एसटीएफ व बिहार पुलिस की टीम ने शनिवार को फरीदाबाद के धीरज नगर से पांचों आरोपितों को पकड़ा, जिनसे पूछताछ में पूरी कहानी सामने आई।

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