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    UP News: अब तीन पीढ़ियों की पैतृक संपत्ति के बंटवारे में लगेंगे इतने रुपये, अधिसूचना हुई जारी

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 02:12 AM (IST)

    लखनऊ में अब पैतृक संपत्ति का विभाजन कराना हुआ आसान। स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने विभाजन शुल्क को घटाकर मात्र 10 हजार रुपये कर दिया है। यह छूट कृषि आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों पर ही मिलेगी। पारिवारिक वंशावली प्रस्तुत करना अनिवार्य है। इस कदम से संपत्ति विभाजन के पंजीकरण में वृद्धि होगी और विवाद कम होंगे।

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    अब 10 हजार रुपये में तीन पीढ़ियों की पैतृक संपत्ति का होगा बंटवारा। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अब मात्र 10 हजार रुपये में तीन पीढ़ियों की पैतृक संपत्ति के विभाजन की पक्की लिखा-पढ़ी कराई जा सकती है। स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने गुरुवार को संबंधित अधिसूचना जारी कर दी। विभागीय प्रमुख सचिव अमित गुप्ता द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक पैतृक संपत्ति के विभाजन विलेख के पंजीयन पर अब अधिकतम पांच हजार रुपये स्टांप ड्यूटी और पांच हजार रुपये निबंधन शुल्क देना होगा।

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    स्टांप व निबंधन शुल्क में छूट सिर्फ कृषि, आवासीय व वाणिज्यिक संपत्तियों के विभाजन पर ही मिलेगी। फर्म, सोसायटी, ट्रस्ट, कंपनी, औद्योगिक व संस्थागत संपत्तियों के मामले में किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी। पैतृक अचल संपत्ति का बंटवारा मौजूदा उत्तराधिकार विधियों द्वारा वंशजों को संपत्ति हस्तांतरण के अनुसार किए जाने की दशा में ही छूट दी जाएगी।

    अधिसूचना संबंधी शासनादेश में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि पैतृक संबंध स्थापित करने के लिए पक्षकारों को तीन पीढ़ियों का उल्लेख करते हुए विभाजन विलेख(डीड) में एक पारिवारिक वंशावली अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करनी होगी।

    उल्लेखनीय है कि अब तक पारिवारिक संबंधियों के बीच होने वाले बंटवारे (विभाजन) विलेख (डीड) पर स्टांप ड्यूटी संपत्ति के मूल्य पर बांड विलेख की तरह चार प्रतिशत वसूली जाती रही है। इसके साथ ही निबंधन शुल्क भी एक प्रतिशत लगता है।

    ऐसे में पांच प्रतिशत तक का भारी-भरकम खर्च होने के कारण परिवार के लोग संपत्ति के विभाजन का पंजीयन कराने के लिए आगे नहीं आते। यही कारण है कि वर्ष 2019 से वर्ष 2023 के दौरान मात्र 244 विभाजन डीड पंजीकृत कराए गए।

    स्टांप एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल का मानना है कि खर्चा घटने से अब ज्यादा से ज्यादा परिवार संपत्ति के विभाजन विलेख का पंजीयन कराएंगे जिससे विवाद घटेंगे।

    छूट से राजस्व नुकसान के प्रश्न पर मंत्री ने कहा कि संयुक्त या अविभाजित संपत्ति के सहस्वामियों को विभाजित संपत्ति पर स्वामित्व मिलेगा। ऐसे में उनके द्वारा विभाजित संपत्ति के अपने हिस्से को बेचने आदि पर सरकार का स्टांप राजस्व बढ़ेगा ही।

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