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    UP News: नर्सिंग होम और निजी अस्पतालों में नहीं बेच पाएंगे मनमाने दाम पर दवाएं, जांच के बाद होगी कार्रवाई

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 05:30 AM (IST)

    लखनऊ के निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम में दवाओं की मनमानी कीमत पर बिक्री की शिकायतें मिलने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने जांच के आदेश दिए हैं। केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर इस मुद्दे को उठाया था जिसमें निजी ब्रांड की दवाओं को अधिक दाम पर बेचने की बात कही गई थी।

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    नर्सिंग होम/निजी अस्पतालों में मनमाने दाम पर दवाएं बेचने की होगी जांच। फाइल फोटो

    अमित यादव, जागरण, लखनऊ। प्रदेश के निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम की फार्मेसी में मनमाने दाम पर दवा बेचने के मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय ने जांच करके कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसचिव विवेक नारायन ने इस मामले में रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार (मूल्य निर्धारण) अवधेश कुमार चौधरी को इस मामले की जांच करके उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

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    केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन उत्तर प्रदेश के महासचिव सुरेश गुप्ता ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखकर नर्सिंग होम/निजी अस्पतालों में मोनोपोली ब्रांड की दवाओं को मनमाने दाम पर बेचने की जानकारी दी थी। उन्होंने लिखा था कि नर्सिंग होम/निजी अस्पताल अपने निजी ब्रांड की दवाएं बनाकर मरीजों को अधिक दाम पर लेने के लिए मजबूर करते हैं।

    यहां तक कि कई दवाएं निजी अस्पतालों और डाक्टरों के लिए उनके ब्रांड के नाम से बनाई जाती हैं। इन दवाओं को ही मरीजों को इलाज के लिए मनमाने दाम पर दिया जाता है।

    सुरेश के अनुसार इन विशेष ब्रांड की दवाएं बाहरी फार्मेसियों में उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में मरीजों को नर्सिंग होम और निजी अस्पतालों के ही दवाखाने से मनमाने दामों पर दवाएं खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जबकि अन्य प्रतिष्ठित फार्मा कंपनियों की अच्छी और बेहतर गुणवत्ता वाली उन दवाओं के विकल्प बाहरी फार्मेसियों में उपलब्ध हैं।

    गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी खाद्य एवं औषधि सुरक्षा प्रशासन (एफएसडीए) को निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम और क्लीनिक में मोनोपोली ब्रांड की दवाएं मनमाने दाम पर बेचने के धंधे पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

    नर्सिंग होम और निजी अस्पतालों में अपने निजी ब्रांड की दवा का निर्माण कराने के बाद उसे मनमाने दाम पर बेचने की कई शिकायतों मिल रही थी। फेडरेशन ने इसका सर्वे कराया है।आरोप सही पाए जाने के बाद गाजियाबाद के सांसद अतुल गर्ग के माध्यम से इसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के सामने रखा गया था। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय को पत्र लिखा जिस पर जांच के बाद कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। -सुरेश गुप्ता, महासचिव, केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन, उप्र।

    मरीजों का शोषण किसी भी तरह किया जाना गलत है। गुणवत्ता वाली दवाएं मरीजों का अधिकार है।इसमें किसी तरह का समझौता नहीं होना चाहिए। नर्सिंग होम एसोसिएशन सरकार के साथ है। हम अपनी अगले सप्ताह होने वाली सामान्य सभा की बैठक में इस मुद्दे को भी रखेंगे। -डॉ. संजय लखटकिया, अध्यक्ष, लखनऊ नर्सिंग होम एसोसिएशन।

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