उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों को खुशखबरी- योगी सरकार ने दिया गृह जनपद में सेवा का मौका, ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू
उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों के लिए खुशखबरी है क्योंकि बेसिक शिक्षा विभाग ने स्थानांतरण और समायोजन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शिक्षामित्रों से विकल ...और पढ़ें

शिक्षामित्रों के स्थानांतरण-समायोजन की प्रक्रिया शुरू।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। शिक्षामित्रों की वर्षों से लंबित मांग मानते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षामित्रों के स्थानांतरण और समायोजन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सभी जिलों में शिक्षामित्रों से विकल्प लेकर उनकी नई तैनाती तय की जाएगी।
पहले चरण में हर शिक्षामित्र से सरल प्रारूप में विवरण लिया जाएगा कि वे वर्तमान विद्यालय में रहना चाहते हैं या अपने मूल तैनाती विद्यालय में लौटना। उनकी वैवाहिक स्थिति क्या है और विवाहित महिला शिक्षामित्रों के लिए पति के जिले में तैनाती का विकल्प भी शामिल होगा।
शासन ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा को यह प्रक्रिया तुरंत शुरू करने और निर्धारित व्यवस्था के अनुसार पूरा कराने के निर्देश दिए हैं। विवाहित महिला शिक्षामित्रों को विवाह प्रमाणपत्र, आधार या पैन कार्ड जैसे साक्ष्य उपलब्ध कराने होंगे। जो शिक्षामित्र अपने वर्तमान विद्यालय में ही बने रहना चाहते हैं, उनके मामले में किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जाएगी।
वहीं, पुरुष और अविवाहित महिला शिक्षामित्र यदि अपने मूल विद्यालय में तैनाती चाहते हैं और वहां रिक्ति उपलब्ध है, तो उन्हें मूल तैनाती स्थल पर भेजा जाएगा। यदि मूल विद्यालय में पद रिक्त नहीं है, तो उसी ग्राम सभा, ग्राम पंचायत या वार्ड के किसी अन्य परिषदीय विद्यालय में रिक्ति होने पर तैनाती दी जाएगी।
रिक्तियों का निर्धारण करते समय शासनादेश तीन जनवरी 2025 के प्रविधानों को अनिवार्य रूप से ध्यान में रखने को कहा गया है। विवाहित महिला शिक्षामित्र अपने पति के जनपद में स्थित ग्राम सभा या ग्राम पंचायत के परिषदीय विद्यालय में तैनाती का विकल्प दे सकती हैं। ऐसे मामलों में वैवाहिक साक्ष्य अनिवार्य होंगे।
प्रथम चरण में होने वाली पूरी प्रक्रिया शासनादेश में निर्धारित जिला समिति द्वारा ही पूरी कराई जाएगी। अभी इस प्रक्रिया के लिए किसी पोर्टल की आवश्यकता नहीं है। जिन शिक्षामित्रों के मामले लंबित रह जाएंगे, उनके लिए दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू होगी।
उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि 25 वर्ष से अपने ससुराल जाने की चाहत रखने वाली हजारों महिला शिक्षामित्रों की मांगों को पूरा कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में लगभग डेढ़ लाख शिक्षामित्र कार्यरत हैं। इसमें करीब 30 हजार महिला शिक्षामित्रों को अपने घर के पास मूल विद्यालय में वापसी का रास्ता खुलेगा।

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