यूपी में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 546 कैदियों की रिहाई जल्द, 60 वर्ष से कम आयु के कैदियों को भी मिल रहा मौका
उत्तर प्रदेश की जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों के लिए खुशखबरी है। नीति में बदलाव के कारण 60 वर्ष से कम आयु के 546 कैदियों को जल्द ...और पढ़ें

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। प्रदेश सरकार जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 546 कैदियों की जल्द रिहाई करने जा रही है। इन सभी कैदियों की उम्र 60 वर्ष से कम है। इन्हें समय पूर्व रिहाई की का लाभ प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में नीति में बदलाव करने के कारण मिलने जा रहा है।
जेल विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 27 जून को होने वाली बैठक में कैदियों की रिहाई के संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों की समय पूर्व रिहाई के लिए पहले 60 वर्ष की आयु सीमा निर्धारित थी। यानी इससे कम उम्र के कैदियों के मामलों में विचार तक नहीं किया जाता था।
अब सरकार ने नीति में संशोधन कर दिया है। पहले किसी व्यक्ति को यदि 25 वर्ष की आयु में आजीवन कारावास की सजा मिलती थी तो उसे 60 वर्ष की आयु तक यानी 35 वर्ष तक जेल में रहना पड़ता था। कैदियों को सुधार का मौका देने के उद्देश्य से सरकार ने 60 वर्ष की आयु सीमा की बंदिश हटा दी है। जेल में अच्छा आचरण करने पर कैदियों को रिहाई दे दी जाती है।
आजीवन कारावास की सजा के तहत जेलों में 16 से 20 वर्ष की कैद पूरी कर चुके कैदियों की रिहाई अब हो सकती है। नीति में बदलाव के बाद प्रदेश में ऐसे 546 कैदी मिले हैं। इसके अलावा 37 ऐसे कैदी भी चिह्नित किए गए, जिनकी उम्र 60 वर्ष से ऊपर है। इन सभी कैदियों की रिहाई पर अंतिम फैसला 27 जून को लिया जाएगा।

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