प्रादेशिक दल की मान्यता पाने के लिए जुटेंगे रालोद कार्यकर्ता, 2026 को चुनावी वर्ष के रूप में मनाएगी पार्टी
राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के कार्यकर्ता प्रादेशिक दल की मान्यता पाने के लिए प्रयास करेंगे। पार्टी ने 2026 को चुनावी वर्ष के रूप में मनाने का फैसला किया है। रालोद कार्यकर्ता आगामी चुनावों के लिए तैयारी कर रहे हैं और संगठन को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। पार्टी का लक्ष्य 2026 के चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करना है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के कार्यकर्ता पार्टी को प्रादेशिक दल की मान्यता दिलाने के लिए जुटेंगे। संगठन का लक्ष्य होगा कि आगामी चुनाव में उसके मान्यता के लिए जरूरी छह प्रतिशत वोट और 15 विधानसभा सीटें हों। मथुरा में होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद पार्टी अपनी ताकत को बढ़ाने का कार्य करेगी।
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष राम आशीष राय ने बताया कि लोकसभा चुनाव के समय पार्टी की प्रादेशिक दल की मान्यता समाप्त हो गई थी। इसे वापस पाना ही अगला लक्ष्य तय किया गया है। 16 नवंबर को मथुरा में होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रदेश से दो हजार से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे।
अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा होगी। इसके साथ ही पंचायत चुनाव और वर्ष 2027 के विधानसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा होगी। उन्होंने बताया कि पार्टी वर्ष 2026 को चुनावी वर्ष के रूप में मनाएगी। इसमें मंडल, जिला एवं ब्लाक स्तर पर बैठकें, प्रशिक्षण शिविर और जनता के बीच संवाद कार्यक्रम शामिल होंगे।
अंबेडकर जयंती 14 अप्रैल से 31 अक्टूबर सरदार पटेल जयंती तक चले अभियान में प्रदेश में 65 लाख से अधिक लोगों ने रालोद की सदस्यता ली है। देश भर में नए बने सदस्यों की संख्या एक करोड़ से अधिक है।

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