रोजगार महाकुंभ : ऊर्जा, जोश और विश्वास से साथ सभी युवाओं को योगी आदित्यनाथ से आस
Rozgar Mahakumbh in Lucknow अव्यवस्था में कई भले हाल के अंदर न जा सके पर बोले-सरकार पर भरोसा है। तीन दिन में उन्हें काम अवश्य मिल जाएगा। मऊ के रानीपुर के आनंद और उमेश चौहान बाहर लगे कैंप की कुर्सी पर बैठे इस बात का इंतजार करते मिले कि श्रम एवं सेवायोजन विभाग की ओर से वेबसाइट में आनलाइन फार्म भरा था।

शिवा अवस्थी, लखनऊ : मुंबई में मजदूरी कर रहे आठवीं पास बाराबंकी के देव कुमार योगी आदित्यनाथ सरकार के रोजगार महाकुंभ से घर के पास काम की तलाश में आ गए। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के प्रवेश द्वार पर पुलिसकर्मियों से अंदर जाने के लिए झगड़ते हुए अंदर पहुंचे। टोकते ही बोले, योगी आदित्यनाथ सरकार से आस है।
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में युवाओं की भीड़ नहीं, ये ऊर्जा, जोश व सरकार की प्रतिबद्धताओं का विश्वास है। मुंबई से लौटे देव ऐसे अकेले व्यक्ति नहीं रहे, बल्कि दिल्ली, नोएडा व प्रदेश के हर कोने से हजारों युवाओं को सैकड़ों किलोमीटर दूर रोजगार महाकुंभ खींच लाया।
भीड़ में अपना बायोडाटा देने की जद्दोजहद उनमें दिखी। अव्यवस्था में कई भले हाल के अंदर न जा सके पर बोले-सरकार पर भरोसा है। तीन दिन में उन्हें काम अवश्य मिल जाएगा। मऊ के रानीपुर के आनंद और उमेश चौहान बाहर लगे कैंप की कुर्सी पर बैठे, इस बात का इंतजार करते मिले कि श्रम एवं सेवायोजन विभाग की ओर से वेबसाइट में आनलाइन फार्म भरा था। अभी भले भीड़ अधिक बढ़ जाने से अंदर ही नहीं जाने दिया गया। दरवाजे लाक कर दिए गए, लेकिन उनकी आस पूरी होगी। मन को दिलासा देते हुए कहा कि मुकाम मिलेगा। मंजिल के करीब हैं। नौकरी पाने या स्वरोजगार में कुछ चुनौतियां तो होंगी ही।
बाराबंकी के भिटरिया की वैष्णवी भोर पहर ही आ गई थीं। बोलीं कि टीसीएस में डाटा एंट्री आपरेटर के लिए आवेदन किया है। उन्हें आस है कि योगी सरकार रोजगार देगी। भीड़ है, अव्यवस्था दिख रही पर नौकरी मिलने का सपना सच होगा। खलीलाबाद की वंदना मौर्या व उनके पिता महेंद्र कुमार मौर्य भी बैग लिए इधर से उधर भागते दिखे। पूछने पर बोले कि बिटिया ने बीए की है। हम भी हुनरमंद हैं। उम्मीद है कि यहां बुलाया है तो नौकरी आज नहीं तो कल मिल ही जाएगी।
प्रयागराज के एमबीए डिग्रीधारक अंशुमान ने कहा कि योग्यता है तो काम मिलेगा। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनियां आई हैं। तीन दिन में मंजिल मिल ही जाएगी। लखनऊ की बीकाम उत्तीर्ण सारिका अकाउंटेंट बनने के लिए कंपनी तलाशती मिलीं। एमबीए प्रज्ञा त्रिपाठी भी एचआर बनना चाहती हैं। बोलीं-भीड़ देखकर उम्मीद तो कम है पर विश्वास पूरा है। लखनऊ के ही शशांक जैन भी बीकाम करने के बाद अकाउंटेट या कंप्यूटर आपरेटर की नौकरी की तलाश में मिले। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारें रोजगार भत्ता ही देती रह गईं। योगी आदित्यनाथ सरकार रोजगार के महाकुंभ का आयोजन कर अच्छी पहल कर रही है।
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