पेरोल पर फरार यूपी का माफिया खर्च चलाने के लिए कोलकाता में चला रहा था टैक्सी-बाइक, 30 से ज्यादा कर चुका हत्या
सीरियल किलर सोहराब, जो पैरोल पर फरार था, को दिल्ली पुलिस और एसटीएफ ने कोलकाता से गिरफ्तार किया। वह फर्जी पहचान पत्र का उपयोग करके टैक्सी बाइक चला रहा था। सोहराब पर यूपी में 30 से अधिक हत्या और डकैती के मामले दर्ज हैं। पुलिस उसके सहायकों की तलाश कर रही है। वह पैरोल पर छूटने के बाद नेपाल भी गया था।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। बीती एक जुलाई से फरार हुए सीरियल किलर सोहराब को कोलकाता से दिल्ली पुलिस व एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। जांच में सामने आया कि वह पत्नी व खुद का खर्च चलाने के लिए चार महीने से फर्जी पहचान पत्र की मदद से टैक्सी बाइक चला रहा था। सोहराब पर यूपी में 30 से ज्यादा हत्या, डकैती, लूट समेत अन्य गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। अब पुलिस उसके मददगारों की तलाश में लगी है।
वर्ष 2005 में लखनऊ में एक ही दिन में तीन हत्याएं करने के मामले में जेल से पेरोल पर बाहर आया सोहराब बीती एक जुलाई को फरार हो गया था। ताबड़तोड़ तीन हत्याओं से कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाले सोहराब और उसके दोनो भाई सलीम और रुस्तम भी तिहाड़ जेल में बंद थे।
कोर्ट ने सीरियल किलर भाइयों में सबसे छोटे सोहराब को पैरोल दिया था। जेल से रिहा होने के बाद वह पत्नी से मिला। बीती एक जुलाई को पेरोल अवधि खत्म हो गई थी, लेकिन वह वापस जेल नहीं लौटा था। इस पर तिहाड़ जेल से दिल्ली पुलिस को सूचना दी थी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूपी एसटीएफ से संपर्क किया।
दोनों टीमें तलाश में जुटी थी। पेरोल पर सोहराब के फरार होने से एक बार फिर तीनों भाई चर्चा में आ गए थे। सोहराब के फरार होने के बाद इन्हें फिर से प्रदेश स्तर की माफिया निगरानी सूची में शामिल कर दिया गया था। सोहराब की तलाश में दिल्ली पुलिस की स्पेशल की टीम के साथ-साथ एसटीएफ की अलग-अलग तीन टीम लगी थी।
सूचना के आधार पर दोनों टीम ने कोलकाता में टैक्सी बाइक चलाते हुए गिरफ्तार किया है। उसके पास से फर्जी आइडी मिली, जिसकी मदद से वह कोलकाता में रह रहा था। सूत्र बताते हैं कि टीम यह पता लगा रही हैं कि उसकी फर्जी आइडी बनाने में किसने मदद की थी? उसका पता लगाया जा रहा है। फिलहाल दिल्ली पुलिस सोहराब को अपने साथ ले गई है।
यूपी में भाइयों पर दर्ज हैं 30 से ज्यादा मुकदमे
सीरियल किलर भाइयों पर लखनऊ, मुरादाबाद समेत जिलों में 30 से ज्यादा लूट, हत्या, डकैती, रंगदारी समेत अन्य मुकदमे दर्ज हैं। गवाहों को खतरा न हो इसके लिए वीडियो कान्फ्रेसिंग में पेशी होती थी, अचानक पेरोल मिलने पर मुकदमे के गवाह भी डरे-डरे घूमते थे।
फरार होने के बाद यूपी में घूमा और नेपाल तक गया
तिहाड़ जेल से पैरोल पर छूटने के बाद सोहराब पत्नी के साथ मुरादाबाद गया था। वहां कुछ दिन रूकने के बाद वाया लखनऊ होते हुए नेपाल तक गया था। ऐसे में वहा किससे-किससे मिला? किसके साथ रूका था? यह पूछताछ कर जानकारी हांसिल की जाएगी।

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