Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्मार्ट प्रीपेड मीटर की अनिवार्यता खत्म कर उपभोक्ताओं को मिले विकल्प, विद्युत उपभोक्ता परिषद ने की मांग

    Updated: Tue, 09 Dec 2025 10:38 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने पावर कॉरपोरेशन द्वारा स्मार्ट प्रीपेड मीटर की अनिवार्यता का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसा ...और पढ़ें

    Hero Image

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन द्वारा स्मार्ट प्रीपेड मीटर की अनिवार्यता किए जाने का विरोध कर रहे उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के हवाले से उपभोक्ताओं को विकल्प देने की मांग की है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    परिषद ने इस संबंध में सोमवार को नियामक आयोग में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति के साथ प्रस्ताव दाखिल किया। परिषद ने कास्ट डाटा बुक को अंतिम रूप देने के लिए सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी की तत्काल बैठक बुलाने की भी मांग की है।

    परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार को प्रस्ताव सौंपते हुए बताया कि पिछले वर्ष दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले (माधव केआरजी बनाम पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड ) में कहा था कि यदि कोई मौजूदा उपभोक्ता प्रीपेड मीटर को चुनता है, तो लाइसेंसी जमानत धनराशि समायोजन द्वारा वापसी करेगा।

    वर्मा ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि प्रीपेड मीटर उपभोक्ता की इच्छा पर आधारित विकल्प है न कि अनिवार्य व्यवस्था। ऐसे में पावर कारपोरेशन प्रबंधन द्वारा अनिवार्य करते हुए बिना विकल्प दिए प्रीपेड मीटर लगाना गलत है।

    वर्मा ने कहा कि पूर्व में उनकी मांग पर आयोग ने टैरिफ आर्डर में कहा था कि हाई कोर्ट में प्रीपेड मीटर को लेकर तमाम याचिकाएं लंबित हैं इसलिए कोई टिप्पणी नहीं की।

    अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के हवाले से वर्मा ने कहा कि आयोग, उपभोक्ताओं के हित में स्मार्ट प्रीपेड मीटर को अनिवार्य न मानते हुए विकल्प के रूप से स्पष्ट रूप से घोषित करे ताकि प्रदेश में व्याप्त भ्रम की स्थिति समाप्त हो।

    परिषद अध्यक्ष ने कहा कि नए कनेक्शन पर उपभोक्ताओं से गलत तरीके से 6016 रुपये की वसूली की जा रही है। इस पर तत्काल रोक लगे क्योंकि मीटर 2600 से 2800 रुपये के हैं।

    वर्मा ने कहा कि सब कमेटी की जल्द बैठक बुलाई जाए ताकि स्मार्ट प्रीपेड मीटर के एवज में नए कनेक्शन पर 6016 रुपये की वसूली पर रोक लगे और अधिक वसूली गई धनराशि की वापसी हो सके।