Smart Meter: लखनऊ में 37 लाख लगाए गए स्मार्ट प्रीपेड मीटर, 6.22 लाख पुराने जमा ही नहीं हुए; अब गड़बड़ी की आशंका
लखनऊ में 37 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के दौरान 6.22 लाख पुराने मीटर जमा नहीं हुए। पावर कॉरपोरेशन का दावा है कि रीडिंग रिकॉर्ड सुरक्षित है लेकिन उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कॉरपोरेशन पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है। गोंडा के अभियंता ने मीटरों में गड़बड़ी और राजस्व हानि की आशंका जताई है। यह मामला ऊर्जा विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। 37 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने में उपभोक्ताओं के परिसर से उतारे गए 6.22 लाख पुराने मीटरों को विभाग में जमा न होने के मामले में पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने सफाई दी है।
दावा किया है कि उतारे गए पुराने मीटरों की रीडिंग से संबंधित रिकार्ड पोर्टल पर सुरक्षित हैं। प्रीपेड स्मार्ट मीटर के साथ दो लाख चेक मीटर लगाए गए हैं। कहीं से त्रुटिपूर्ण रीडिंग की सूचना नहीं है। सिर्फ 2.5 लाख पुराने मीटर ही जमा नहीं हुए हैं।
स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने में उतारे गए पुराने 6.22 लाख मीटरों को विभाग में जमा नहीं कराए जाने के मामले को उजागर करने वाले राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा है कि पुराने मीटर जमा नहीं कराए जाने पर पावर कॉरपोरेशन की पोल खुल गई है।
कॉरपोरेशन खुद भ्रम पैदा कर रहा है। अध्यक्ष की समीक्षा बैठक के पत्र में 29 अगस्त तक 6.22 लाख पुराने मीटर विभाग में जमा न करने की बात है। गोंडा के मुख्य अभियंता ने लिखा है कि पुराने मीटरों में रीडिंग शून्य भरी जा रही है। 80 प्रतिशत मीटर में सीलिंग टूटी हुई है। कई पुराने मीटर की डिस्प्ले यूनिट क्षतिग्रस्त होने से विभाग को राजस्व हानि की आशंका है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।