UP News: ब्रीडर सीड गन्ने का उत्पादन करेगा एनएसआई, उप्र गन्ना शोध परिषद ने एमओयू
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद और राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के बीच गन्ना उत्पादन और संवर्धन को लेकर समझौता हुआ। गन्ना मंत्री की मौजूदगी में हुए इस समझौते से एनएसआइ अपनी 52 एकड़ भूमि पर गन्ने के बीज का उत्पादन करेगा। यूपीसीएसआर एनएसआइ को उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराएगा और तकनीकी सहायता देगा। इस पहल से किसानों को प्रतिवर्ष लगभग 15 हजार क्विंटल अतिरिक्त बीज मिलेगा जिससे गन्ना उत्पादकता बढ़ेगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआइ) कानपुर ब्रीडर सीड गन्ने का उत्पादन ओर संवर्धन किया जाएगा। इसके लिए गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधारी की मौजूदगी में एनएसआइ और उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद (यूपीसीएसआर) शाहजहांपुर के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह एमओयू आने वाले दिनों में प्रदेश में गन्ना उत्पादकता और किसानों की आय बढ़ाने में योगदान देगा।
गुरुवार को गन्ना मंत्री के विधान भवन स्थित कार्यालय कक्ष में एनएसआइ की निदेशक प्रो. सीमा परोहा और यूपीसीएसआर के निदेशक वीके शुक्ल ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। समझौते के तहत एनएसआइ अपनी 52 एकड़ कृषि भूमि पर अभिजनक बीज गन्ने का उत्पादन करेगा, जिसमें 20 एकड़ में शरदकालीन गन्ना रोपण और शेष क्षेत्र में वसंतकालीन गन्ना रोपण किया जाएगा।
अगले चरण में एनएसआइ अपने फार्म का उपयोग बीज गन्ना उत्पादन के लिए करेगा। यूपीसीएसआर द्वारा एनएसआइ को अभिजनक बीज की नर्सरी तैयार करने के लिए गन्ने की उन्नत किस्मों के बीज सक्षम स्तर से निर्धारित मूल्य पर उपलब्ध कराया जाएगा। वैज्ञानिकों द्वारा खेत का निरीक्षण कर आवश्यक तकनीकी सुझाव एवं मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जाएगा।
गन्ना मंत्री ने कहा कि स्वस्थ एवं गुणवत्ता पूर्ण अभिजनक बीज के उत्पादन और देख-रेख हेतु एनएसआइ के अधिकारियों-कर्मचारियों को यूपीसीएसआर द्वारा निश्शुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस समझौते से प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए प्रतिवर्ष लगभग 15 हजार क्विंटल अतिरिक्त ब्रीडर सीड उपलब्ध होगा।
इस पहल से दोनों विशेषज्ञ संस्थाओं के मध्यम परस्पर विश्वास व तकनीक हस्तांतरण में तेजी आएगी। गुणवत्तापूर्ण बीज गन्ना उपलब्ध होने से उत्पादकता में वृद्धि होगी। इस दाैरान अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास वीना कुमारी, आयुक्त मिनिस्ती एस. आदि मौजूद रहे।
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