बोगस फर्म बनाकर संचालक ने टैक्स किया चोरी, जांच में फर्म मिली फर्जी; मुकदमा दर्ज
एक संचालक ने बोगस फर्म बनाकर टैक्स चोरी की, जिसकी जांच में फर्म फर्जी पाई गई। जांच के दौरान फर्म के फर्जी होने का पता चला, जिसके बाद संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और आरोपी को पकड़ने के लिए कार्रवाई जारी है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। बोगस फर्म बनाकर संचालक ने 2,08,47,474 रुपये का कारोबार किया। राज्यकर विभाग में 37,52,545 रुपये का आइटीसी क्लेम किया। जांच में सामने आया कि फर्म का पंजीकरण फर्जी दस्तावेजों पर आनलाइन कराया गया है। निर्धारित पते पर उसका कोई अस्तित्व ही नहीं है। राज्यकर के उपायुक्त अशोक कुमार त्रिपाठी ने महानगर थाने में फर्म संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
राज्यकर के उपायुक्त अशोक कुमार त्रिपाठी के मुताबिक केएस इंटरप्राइजेज का पंजीकरण आन लाइन हुआ। फर्म के स्वामी असम के टीटाबोर टाउन असजोर निवासी अनुपम गोगोई हैं। उन्होंने पर फर्म के पंजीकरण के दौरान अलीगंज निवासी अंशुल राज के भवन का पता दर्ज कराया। जांच में सामने आया कि पंजीकरण में लगाए गए दस्तावेज फर्जी है।
भवन मालिक से पूछताछ की गई तो इस तरह के फर्म को किराए पर देने की बात से साफ इनकार किया। फर्म की तरफ से आइटीसी क्लेम किया गया था। जिसमें फर्म ने 31 ई-वे बिल का जिक्र किया। इसमें जेएमके इंडस्ट्रीज के नाम तीन ई-वेबिल पर 17,17,377 का कारोबार , मल्टीमेटल इंडस्ट्रीज के नाम 18 पर 1,19,78,178 का कारोबार और कपित सिंगला के नाम से 10 ई-वेबिल पर 71,51,919 का कारोबार दिखाया। इस तरह फर्म ने कुल 2,08,47,474 रुपये का कारोबार दिखाया।
इन फर्म से किए गए कारोबार के आधार पर राज्यकर में 37,52,545 रुपये आइटीसी का क्लेम किया गया। जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया। जिसके आधार पर रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को दी गई। राज्यकर उपायुक्त अशोक कुमार त्रिपाठी के मुताबिक महानगर थाने में शिकायत की गई। इंस्पेक्टर महानगर अखिलेश मिश्रा के मुताबिक मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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