यूपी के टीचर्स के लिए आ गया नया फरमान, अब कॉल भी करनी पड़ेगी; सीधे लखनऊ से होगी साप्ताहिक मॉनिटरिंग
परिषदीय विद्यालयों में गैरहाजिर रहने वाले बच्चों के घर शिक्षक फोन करेंगे और उन्हें स्कूल आने के लिए प्रेरित करेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने नामांकन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं, खासकर कक्षा 5-6, 8-9 और 10-11 में। केजीबीवी में रिक्त पदों की भर्ती एक माह में पूरी होगी और 15 नवंबर तक निविदाएं पूरी करने के निर्देश हैं। 2026 बोर्ड परीक्षा में पारदर्शिता बरतने के भी निर्देश दिए गए हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में जो बच्चे लगातार गैरहाजिर रहेंगे, उनके घर फोन करके शिक्षक और प्रधानाचार्य खुद पूछताछ करेंगे और उन्हें स्कूल आने के लिए प्रेरित करेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग का निर्देश है कि हर जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किसी भी बच्चे का नामांकन छूट न जाए।
खासतौर पर कक्षा पांच से छह, आठवीं से नौवीं और 10 से 11वीं में नामांकन को लेकर सतर्कता बरती जाए, क्योंकि इन कक्षाओं में अधिकतर बच्चे स्कूल बदलते हैं या पढ़ाई छोड़ देते हैं। शिक्षकों को ऐसे छात्रों की पहचान करनी होगी जो किसी अन्य विद्यालय में प्रवेश नहीं लिए हैं। ऐसे सभी बच्चों का नामांकन हर हाल में सुनिश्चित किया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव (बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा) पार्थ सारथी सेन शर्मा की ओर से की अभी हाल ही में की गई राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद सभी जिलों को कार्ययोजना के साथ निर्देश जारी किए गए हैं। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में रिक्त पदों की भर्ती अब एक माह में पूरी की जाएगी।
इसमें कहा गया है कि विद्यालयों में फर्नीचर, खेल सामग्री और दैनिक उपयोग की वस्तुओं की निविदाएं 15 नवंबर तक हर हाल में पूरी हों। साथ ही, स्मार्ट क्लास, आइसीटी लैब और डिजिटल लाइब्रेरी पूरी तरह क्रियाशील बनाई जाएं। सभी जिलों को निर्माण कार्य, कंपोजिट ग्रांट, पाठ्यपुस्तक भुगतान और पीएम श्री योजना की प्रगति रिपोर्ट समय पर भेजनी होगी।
सुस्त जिलों की साप्ताहिक समीक्षा सीधे लखनऊ से होगी और लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग को 2026 की बोर्ड परीक्षा के लिए छात्र पंजीकरण और केंद्र निर्धारण में पारदर्शिता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही किचन गार्डन, मनोदर्पण पोर्टल और दिव्यांग बच्चों के डाटा अपलोड की स्थिति सुधारने पर भी जोर दिया गया है।

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