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    TET Exam: जब पता चला कि नौकरी बचाने के लिए देना होगा टीईटी तो टीचर्स के वॉट्सएप ग्रुप में क्या शेयर होने लगा?

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 02:00 AM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कक्षा 1 से 8 तक के शिक्षकों के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य हो गया है। राहत की मांग के बावजूद कई शिक्षक अब टीईटी की तैयारी में जुट गए हैं। व्हाट्सएप ग्रुपों पर सिलेबस साझा किया जा रहा है। 5 साल से अधिक सेवा वाले शिक्षकों को टीईटी पास करना होगा अन्यथा नौकरी जा सकती है।

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    टीईटी की अनिवार्यता पर विरोध के बीच तैयारी में जुटे शिक्षक

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कक्षा एक से आठ तक के शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करना अनिवार्य हो गया है। इस निर्णय के बाद शिक्षकों का एक बड़ा वर्ग प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर राहत की मांग कर रहा है।

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    लेकिन कई शिक्षक अब मान चुके हैं कि केवल विरोध से कुछ नहीं होगा, इसलिए उन्होंने टीईटी की तैयारी शुरू कर दी है। व्हाट्सएप ग्रुपों पर इस समय शिक्षक टीईटी सिलेबस के आधार पर सामान्य ज्ञान और अन्य विषयों से संबंधित सामग्री साझा कर रहे हैं।

    सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक जिन शिक्षकों की सेवा अवधि पांच साल से अधिक है, उन्हें हर हाल में टीईटी देना होगा, अन्यथा उनकी नौकरी समाप्त हो सकती है। वहीं, पदोन्नति चाहने वाले शिक्षकों के लिए भी टीईटी पास करना जरूरी कर दिया गया है।

    बहुत से शिक्षक अब यह मान कर चल रहे हैं कि टीईटी से राहत नहीं मिलने वाली है। शासन ने 29 और 30 जनवरी को शिक्षक पात्रता परीक्षा की तिथियां प्रस्तावित की हैं। आवेदन की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू होने वाली है।

    ऐसे में बड़ी संख्या में शिक्षक पढ़ाई में जुट गए हैं। उनका मानना है कि समय रहते तैयारी करना ही सबसे सुरक्षित रास्ता है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष निर्भय सिंह ने भी शिक्षकों से अपील की है कि वे समय बर्बाद किए बिना सिलेबस के अनुसार पढ़ाई शुरू कर दें।

    उन्होंने कहा कि अगर शिक्षक गंभीरता से तैयारी करें तो टीईटी पास करना कठिन नहीं है। टीईटी में केवल क्वालीफाई करना ही शिक्षकों को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त होगा।

    गौरतलब है कि इससे पहले शिक्षामित्रों के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सहायक अध्यापक बने शिक्षामित्रों को फिर से शिक्षामित्र बनना पड़ा था। यही वजह है कि इस बार शिक्षक किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहते और पूरी तैयारी में जुट गए हैं।