यूपी जनगणना 2027 के चलते नए जिले बनाने पर रोक, समन्वय समिति की बैठक में तय की गई रूपरेखा
उत्तर प्रदेश में जनगणना 2027 की तैयारी शुरू हो गई है। इसके चलते अगले वर्ष 1 जनवरी से 31 मार्च 2027 तक नए जिलों, तहसीलों, नगर निकायों और ग्राम पंचायतों ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। जनगणना-2027 की प्रक्रिया के चलते अगले वर्ष एक जनवरी से 31 मार्च 2027 तक राज्य में नए जिले, तहसील, नगर निकाय और ग्राम पंचायतों आदि के गठन पर रोक रहेगी। इस बार होने वाली जनगणना पूरी तरह डिजिटल रूप में की जाएगी। इसमें न तो कागज का उपयोग होगा और न ही किसी रजिस्टर का।
सारा डेटा मोबाइल, टैब और आनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से दर्ज किया जाएगा। प्रदेश में जनगणना से पहले इसका प्री-टेस्ट 10 से 30 नवंबर तक बुलंदशहर जिले की अनूप शहर तहसील, बहराइच जिले की मिहीपुरवा तहसील और प्रयागराज नगर निगम के सात वार्डों में किया जाएगा।
मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित राज्य स्तरीय जनगणना समन्वय समिति की पहली बैठक में तैयारियों की रूपरेखा तय की गई। मुख्य सचिव ने सभी विभागों को जनगणना कार्य को मिशन मोड में संचालित करने और हर स्तर पर बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
यूपी जनगणना कार्य निदेशक शीतल वर्मा ने जनगणना 2027 की प्रक्रिया, समय-सीमा और डिजिटल स्वरूप से संबंधित प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि इस बार जनगणना के लिए पूरी तैयारी डिजिटल प्लेटफार्म पर की जा रही है। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में जनगणना 2027 पूरी तरह डिजिटल माध्यम से होगी।
डेटा का संग्रह, प्रविष्टि, सत्यापन और निगरानी पूरी तरह आनलाइन प्रणाली से किया जाएगा। इसके लिए करीब छह लाख कार्मिकों को ड्यूटी पर लगाया जाएगा। इस जनगणना में पहली बार आम नागरिकों को स्व-गणना का विकल्प मिलेगा। यानी लोग अपने मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से स्वयं अपनी जानकारी दर्ज कर सकेंगे।
राज्य स्तर पर स्टेट नोडल आफिस की स्थापना की जाएगी, जो पूरे राज्य में डेटा मानिटरिंग, समन्वय और प्रगति रिपोर्टिंग का कार्य करेगा। बैठक में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित कुमार घोष, सचिव नगर विकास अनुज कुमार झा, और विशेष सचिव सामान्य प्रशासन जुहैर बिन सगीर सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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