योगी सरकार का किसानों को एक और तोहफा! 'मोटे धान' की रिकवरी में मिलेगी इतने प्रतिशत की छूट
उत्तर प्रदेश सरकार ने धान उत्पादक किसानों को राहत देते हुए नान-हाइब्रिड धान की रिकवरी में एक प्रतिशत की छूट दी है। इस निर्णय से लगभग 15 लाख किसानों को लाभ होगा और धान का बेहतर मूल्य मिलने की संभावना है। सरकार के इस कदम से राइस मिलों को भी फायदा होगा, जिससे वे अधिक धान की कुटाई कर सकेंगे। सरकार इस छूट के लिए 166 करोड़ रुपये का भार वहन करेगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। योगी सरकार ने गन्ना किसानों को उपहार के बाद धान उत्पादक किसानों को भी राहत दी है। अब नान हाईब्रिड (मोटे) धान के रिकवरी में अब एक प्रतिशत की छूट मिलेगी। इससे लगभग 15 लाख किसानों को बेहतर कीमत मिलने की संभावना है।
दाे हजार राइस मिलों को सीधे लाभ मिलेगा और उनके यहां अधिक मात्रा में धान की कुटाई की उम्मीद है। वहीं हाईब्रिड धान के रिकवरी प्रतिशत पर सरकार पहले से ही तीन प्रतिशत की छूट दे रही हैं। इसे भी बरकरार रखा गया है।
मंगलवार को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने लोकभवन में पत्रकार वार्ता कर छूट के निर्णय की जानकारी दी। सरकार द्वारा धान की सरकारी खरीद कर मिलों को कुटाई के लिए दिया जाता है। भारत सरकार के नियमानुसार मिलर्स को कुटाई के बदले 67 प्रतशित रिकवरी कर कस्टम मिल्ड राइस (सीएमआर) देना होता है।
वित्त मंत्री ने बताया कि मिलर्स द्वारा धान की कुटाई में कम रिकवरी का मामला उठाया गया था, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है। वर्ष 2017 में प्रदेश में सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाईब्रिड धान के रिकवरी प्रतिशत में तीन प्रतिशत की छूट दी थी।
इस छूट की बदले में सरकार हर बार 100 करोड़ रुपये का भार वहन कर रही है। जबकि अब तक मोटे धान के रिकवरी प्रतिशत पर छूट नहीं थी। एक प्रतिशत की छूट देने के बदल 166 करोड़ रुपये खर्च होगा, जिसको सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि रिकवरी प्रतिशत में छूट मिलने से धान के भाव बढ़ने की उम्मीद है और इससे धान की खेती करने वाले 13 से 15 लाख किसानों को फायदा होगा। मिलर्स भी अधिक मात्रा में धान की कुटाई के लिए प्रोत्साहित होंगे। वर्तमान में मिलों के माध्यम से दो लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है, इस रियायत से उनको भी लाभ मिलेगा और रोजगार बढ़ने की भी संभावनाएं पैदा होंगीं।
वर्तमान में प्रदेश में धान की सरकारी खरीद चल रही है। सरकार पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक धान खरीदने का प्रयास कर रही है। प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद रणवीर प्रसाद ने बताया कि विभाग ने धान विक्रय के लिए किसानों के पंजीकरण और सत्यापन की आनलाइन प्रक्रिया काे सरकार किया है।
प्रक्रिया की जीपीएस लगे वाहनों से निगरानी की जा रही है और स्टाक सत्यापन भी किया जा रहा है। इससे पहले हाल ही में सरकार ने गन्ना मूल्य में 30 रुपये प्रति क्विंटल की रिकार्ड बढ़ोतरी कर गन्ना किसानों को लाभ दिया है।

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