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    पिछले वर्ष के मुकाबले अक्टूबर तक जीएसटी वसूली में पिछड़ा यूपी, इतने रुपये मिले कम

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 06:18 PM (IST)

    लखनऊ: राज्य में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की वसूली में गिरावट आई है, जिससे सरकार चिंतित है। अक्टूबर तक पिछले वर्ष की तुलना में 798.53 करोड़ रुपये कम मिले। हालांकि, वैट, आबकारी और अन्य क्षेत्रों से राजस्व में वृद्धि हुई है, जिससे कुल कर संग्रह 1,22,761 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। जीएसटी चोरी को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में अक्टूबर माह तक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) वसूली में यूपी पिछड़ गया है। राज्य में व्यापारिक व औद्योगिक गतिविधियों के साथ ही सेवा क्षेत्र के बढ़ने के दावों के बीच अक्टूबर तक जीएसटी से पिछले वर्ष की तुलना में 798.53 करोड़ रुपये कम मिलना चौंकाने वाला है। जीएसटी से सरकार की कमाई घटने का बड़ा कारण बोगस फर्मों के माध्यम से जीएसटी की बढ़ती चोरी को भी माना जा रहा है।

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    वहीं वैट, आबकारी, स्टांप एवं निबंधन, परिवहन और ऊर्जा से अच्छी कमाई होने के कारण चालू वित्तीय वर्ष में पिछले साल अक्टूबर तक की तुलना में 6422.09 करोड़ रुपये अधिक की कमाई सरकार ने कर ली है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में पहले सात माह यानी अक्टूबर तक सरकार को करों से 1,22,761 करोड़ रुपये मिल गए थे।

    यह धनराशि वार्षिक लक्ष्य 2,95,500 करोड़ रुपये का 41.6 प्रतिशत है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अक्टूबर माह तक सरकार को करों से 1,16,339.24 करोड़ रुपये मिले थे, जो वार्षिक लक्ष्य 2,70,086 करोड़ रुपये का 43.1 प्रतिशत था।

    वैट से चालू वित्तीय वर्ष में सरकार को 17,307.51 करोड़ रुपये मिले हैं, जबकि पिछले वर्ष अक्टूबर तक वैट से 16,504.66 करोड़ रुपये ही मिले थे। सरकार की अच्छी कमाई आबकारी से हुई है। पिछले वर्ष अक्टूबर तक की तुलना में इस बार अक्टूबर तक सरकार को 4325 करोड़ रुपये अधिक मिले हैं।आबकारी से सरकार को इस वर्ष अक्टूबर तक 30,657.63 करोड़ रुपये मिल चुके हैं।

    स्टांप एवं निबंधन से सरकार को इस वर्ष 18,807.85 करोड़ रुपये मिले हैं। पिछले वर्ष इसी अवधि में स्टांप एवं निबंधन से 17,723.32 करोड़ रुपये मिले थे। स्टांप व निबंधन के ये आंकड़े बता रहे हैं कि राज्य में रियल इस्टेट का कारोबार अच्छा चल रहा है। परिवहन से भी अक्टूबर तक 6725.98 करोड़ रुपये मिल गए थे, जबकि पिछले वर्ष अक्टूबर तक 6374.45 करोड़ रुपये मिले थे।

    ऊर्जा से भी सरकार को अक्टूबर तक 2279.09 करोड़ रुपये मिल गए हैं, जबकि पिछले वर्ष ऊर्जा से सरकार को 1545.29 करोड़ रुपये मिले थे। भू-राजस्व से सरकार की कमाई कम हुई है। अक्टूबर तक भू राजस्व के रूप में सरकार को 183.12 करोड़ रुपये मिले हैं जबकि पिछले वर्ष 260.82 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई थी।

    करेत्तर राजस्व में भूतत्व एवं खनिकर्म राजस्व भी घटा है। पिछले साल अक्टूबर तक 2036.42 करोड़ रुपये मिले थे, इस वर्ष अक्टूबर तक 1962.48 करोड़ रुपये ही मिले हैं। हालांकि सरकार को करेत्तर राजस्व पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक राजस्व मिला है। अक्टूबर तक करेत्तर राजस्व से 7639.55 करोड़ रुपये मिले हैं, पिछले वर्ष 5934.96 करोड़ रुपये ही मिले थे।