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    UP News: IIA ने की चमड़ा एवं जूते उद्योग पॉलिसी में संशोधन की मांग, विभागीय अफसरों की कार्यप्रणाली को लेकर भी की शिकायत

    Updated: Fri, 29 Aug 2025 12:21 AM (IST)

    इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी से भेंट की। उद्यमियों ने नीति परिवर्तन लंबित मामलों के निस्तारण और विभागीय अफसरों की कार्यप्रणाली संबंधी शिकायतें कीं। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने हर महीने बैठक करने का आश्वासन दिया। एमएसएमई इकाइयों के लिए ओपन एक्सेस कनेक्शन की सीमा को कम करने का सुझाव दिया।

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    IIA ने की चमड़ा एवं जूते उद्योग पॉलिसी में संशोधन की मांग (चमड़ा सूज)

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आइआइए) के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विजय किरण आनंद से मुलाकात की। उद्यमियों ने नीतियों में परिवर्तन व लंबित मामलों के निस्तारण के साथ ही विभागीय अफसरों की कार्यप्रणाली को लेकर भी शिकायतें कीं।

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    मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने उद्यमियों की शिकायतों और सुझावों पर अमल करने तथा हर महीने एक बैठक करने का आश्वासन दिया। आइआइए के प्रतिनिधिमंडल ने कई मुददों पर बात की।

    उद्यमियों ने उत्तर प्रदेश चमड़ा एवं जूते उद्योग पॉलिसी 2025 में कुछ संशोधन करने की मांग की। उद्यमियों ने कहा कि अभी पचास करोड़ से अधिक के निवेश की इकाइयों को योजना का लाभ दिए जाने का प्रविधान है जिससे सूक्ष्म और लघु इकाइयां वंचित रह गयी हैं। निवेश की लिमिट को कम करने का सुझाव दिया ताकि सूक्ष्म एवं लघु इकाइयों को इसका लाभ मिल सके।

    इस पर कार्यपालक अधिकारी ने आवश्यक संशोधन कराने का आश्वासन दिया। इसके साथ ही खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से जुड़े इकाइयों को खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए मंडी शुल्क छूट नीति में व्यावहारिक सुधार की आवश्यकता एवं चावल और रोलर आटा मिलों के लिए पूंजीगत सब्सिडी का प्रविधान करने का सुझाव दिया।

    गुड़ एवं खांडसारी उद्योग से जुडी इकाइयों की मंडी शुल्क समाधान योजना की अधिसूचना जारी करने की अपील की। कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि सरकार खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को बढ़ावा देने में हर संभव सहयोग करने के लिए तत्पर है। उद्यमियों ने एमएसएमई इकाइयों के लिए ओपन एक्सेस कनेक्शन की सीमा को 100 किलोवाट निर्धारत करने का प्रस्ताव भी रखा।

    गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण में गलत तरीके से लिए जा रहे विकास शुल्क का मुददा उठाया, जिस पर सीइओ ने कहा कि इस संबंध में गोरखपुर औद्योगिक विकास क्षेत्र के अधिकारियों से बात की जाएगी।

    उद्यमियों ने एमएसएमई 2017 के अंतर्गत इंसेंटिव भुगतान के लंबित मामलों का भुगतान कराने की मांग की। प्रतिनिधमंडल में आइआइए के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अवधेश कुमार अग्रवाल, कानपुर डिविजनल चेयरमैन दिनेश बरासिया तथा हेड आफिस से डिप्टी डायरेक्टर अभिषेक शर्मा शमिल थे