Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP News: एमएलसी चुनाव को फर्जी मतदाता बनाने का आरोप, सपा ने की शिकायत

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 03:30 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश में एमएलसी चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी ने फर्जी मतदाता सूची बनाने का आरोप लगाया है। सपा ने चुनाव आयोग से शिकायत कर निष्पक्ष जांच की मांग की है। पार्टी का आरोप है कि सत्ताधारी दल के इशारे पर मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़े गए हैं और निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग की है।

    Hero Image

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सपा ने बरेली-मुरादाबाद खंड शिक्षक विधान परिषद निर्वाचन क्षेत्र के जिलों में नियम विरुद्ध मतदाता बनाने का आरोप लगाया है। प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल ने इस संबंध में मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा को शिकायत कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया है। बिजनौर, बरेली, पीलीभीत, मुरादाबाद, अमरोहा, बदायूं, शाहजहांपुर, संभल और रामपुर में निजी विद्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों के कर्मचारी, लाइब्रेरियन, लिपिक, मेडिकल स्टाफ, चपरासी, चौकीदार, लैब असिस्टेंट आदि को शिक्षक बताकर मतदाता बनाने के लिए फार्म-19 भरवाए गए हैं।

    इंटरमीडिएट, हाईस्कूल व बीए उत्तीर्ण लोगों को मतदाता बनवाया जा रहा है। इसी तरह सीबीएसई आदि अन्य बोर्ड के विद्यालयों में भी यही हो रहा है। वहीं शिशु मंदिरों में भी अवैध रूप से शिक्षकों के नाम जोड़कर मतदाता बनाए जा रहे है, जो कि आयोग के निर्देशों का उल्लंघन है।

    निजी महाविद्यालयों में भी जिन शिक्षकों का विश्वविद्यालयों से अनुमोदन नहीं है, उन्हे भी शिक्षक बताकर मतदाता सूची में शामिल किया जा रहा है। इस स्थिति में निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है।

    उन्होंने मांग की है कि भारत निर्वाचन आयोग, उच्च अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी भेज कर बरेली-मुरादाबाद खण्ड शिक्षक विधान परिषद निर्वाचन क्षेत्र के सभी जिलों में इसकी जांच करें और दोषियों के विरूद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए।

    अधिकारी व शिक्षकों की संबद्धता पर एससीईआरटी ने मांगी रिपोर्ट

    शासन की अनुमति के बिना मूल तैनाती से अलग संबद्ध किए गए अधिकारियों व शिक्षकाें के संबंध में राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने रिपोर्ट मांगी है।

    सभी राज्य शिक्षा संस्थान, राज्य विज्ञान संस्थान, राज्य हिन्दी संस्थान, राज्य शैक्षिक तकनीकी संस्थान,डीआइईटी, आइएएसई, सीटीई, बीटीई और संबंधित महाविद्यालयों से ऐसे अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों के नाम की सूची उपलब्ध कराने को कहा गया है।

    संयुक्त निदेशक (एसएसए) डा. पवन कुमार ने सभी संबंधित संस्थानों को जारी कर कहा है कि शासन की अनुमति के बिना किसी अधिकारी, कर्मचारी या अध्यापक को उनके मूल पद से हटाकर अन्यत्र कार्य लेना नियम विरुद्ध है। ऐसे मामलों में कार्रवाई के लिए 21 अक्टूबर को शासन की ओर से भी निर्देश जारी किए गए थे। उन निर्देश के अनुसार तत्काल कार्रवाई कर इसकी जानकारी भेजी जाए।