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    UP: निष्क्रिय एजेंसियों के कारण फीकी पड़ रही पीएम श्री विद्यालयों की रौनक

    By Vivek Rao Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Thu, 20 Nov 2025 02:08 PM (IST)

    UP News: पीएमश्री योजना के लिए पीएबी अनुमोदन 614 करोड़ रुपये है, जिसमें 432 करोड़ रुपये नवीन स्वीकृति और 181 करोड़ रुपये स्पिलओवर (पिछले वर्ष का अवशेष) शामिल है। इसके मुकाबले इस वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक जारी लिमिट 98 करोड़ रुपये है, जबकि कुल व्यय केवल आठ करोड़ रुपये हुआ है।

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    प्रधानमंत्री स्कूल्स फार राइजिंग इंडिया

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: प्रधानमंत्री स्कूल्स फार राइजिंग इंडिया (पीएमश्री) योजना के तहत प्रदेश में शिक्षा सुधार को रफ्तार देने के लिए 1710 सरकारी स्कूलों का चयन किया गया है। इनमें 1565 बेसिक स्कूल और 145 माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं।

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    वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र सरकार ने करीब 614 करोड़ रुपये का बजट अनुमोदित किया है। इसके बाद भी वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही सुधार कार्यों पर होने वाले खर्च की स्थिति काफी कमजोर दिख रही है।

    पीएमश्री योजना के लिए पीएबी अनुमोदन 614 करोड़ रुपये है, जिसमें 432 करोड़ रुपये नवीन स्वीकृति और 181 करोड़ रुपये स्पिलओवर (पिछले वर्ष का अवशेष) शामिल है। इसके मुकाबले इस वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक जारी लिमिट 98 करोड़ रुपये है, जबकि कुल व्यय केवल आठ करोड़ रुपये हुआ है। यानी कार्यान्वयन की शुरुआती गति बेहद धीमी है।

    पीएम श्री योजना के तहत विद्यालयों में 21 प्रमुख सुविधाओं को अनिवार्य रूप से विकसित किया जाना है, जिनमें इंटरनेट सुविधा, कंप्यूटर, आइसीटी लैब, स्मार्ट क्लासरूम, अच्छी लाइब्रेरी, वोकेशनल एजुकेशन, इंटीग्रेटेड साइंस लैब, टीएलएम उपयोग, ग्रीन फीचर्स, छात्र उपस्थिति ट्रैकिंग, आत्मरक्षा प्रशिक्षण, खेल मैदान, स्वच्छ पेयजल, शिक्षकों का क्षमता विकास, यूथ एवं इको क्लब, ‘बाला’ फीचर्स, करियर काउंसलिंग, छात्राओं के लिए शौचालय, ‘टेन बैगलेस डे’, फर्नीचर उपलब्धता, आई-कार्ड जारी करना, स्कूल इनोवेशन काउंसिल और हैंड वाशिंग व स्वच्छता सुविधाएं शामिल हैं। इन योजना लागू करने में इम्प्लिमेंटिंग एजेंसियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन प्रदेश में इनकी सक्रियता काफी कम है।

    कुल 1661 इम्प्लिमेंटिंग एजेंसियों में से सिर्फ 766 ही सक्रिय हैं, यानी केवल 46.67 प्रतिशत एजेंसियां काम कर रही हैं। यह धीमी प्रगति योजना के प्रभावी क्रियान्वयन पर सवाल खड़े करती है। अभी बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने समीक्षा बैठक की थी, जिसमें पीएम श्री योजना में तेजी लाने के लिए निर्देश दिए हैं।
    इन जिलों में सभी एजेंसी सक्रिय : अलीगढ़, औरैया, बागपत, बहराइच, बलिया, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, अमरोहा, पीलीभीत और संत कबीर नगर।
    इन जिलों में एक भी एजेंसी सक्रिय नहीं: अंबेडकर नगर, भदोही, फिरोजाबाद, गोंडा, कन्नौज, कानपुर देहात, कासगंज, लखनऊ, महाराजगंज, श्रावस्ती, मथुरा, मीरजापुर और सुलतानपुर।