UP News : उद्योग व व्यापार से जुड़े 13 राज्य अधिनियमों में 99 प्रतिशत आपराधिक प्रविधान होंगे समाप्त
CM Yogi Adityanath Review मुख्यमंत्री ने गुरुवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि ईज आफ डूइंग बिजनेस को और सशक्त बनाने के लिए नए कदम उठाना समय की मांग है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘श्रमेव जयते’ के भाव को आत्मसात करते हुए हमें ऐसे सुधार करने होंगे जो उद्यमियों और श्रमिकों दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध हों।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : प्रदेश सरकार ने औद्योगिक एवं श्रम सुधारों की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाते हुए उद्योग और व्यापार से जुड़े 13 राज्य अधिनियमों में लगभग 99 प्रतिशत आपराधिक प्रविधान समाप्त करने की तैयारी कर ली है। शीघ्र ही प्रदेश देश का पहला राज्य बनने जा रहा है, जो व्यावहारिकता के दृष्टिकोण से इतने बड़े पैमाने पर आपराधिक प्रविधानों को गैर-आपराधिक श्रेणी में परिवर्तित करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन बदलावों से न सिर्फ व्यापार आसान होगा बल्कि श्रमिक हित भी सुरक्षित होंगे।
गुरुवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि ईज आफ डूइंग बिजनेस को और सशक्त बनाने के लिए नए कदम उठाना समय की मांग है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘श्रमेव जयते’ के भाव को आत्मसात करते हुए हमें ऐसे सुधार करने होंगे, जो उद्यमियों और श्रमिकों दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध हों।
प्रदेश सरकार शीघ्र ही ‘सुगम्य व्यापार (प्रविधानों का संशोधन) विधेयक, 2025’ लाने जा रही है। इसके अंतर्गत आबकारी अधिनियम, शीरा अधिनियम, वृक्ष संरक्षण अधिनियम, राजस्व संहिता, गन्ना अधिनियम, भूगर्भ जल अधिनियम, नगर निगम अधिनियम, प्लास्टिक कचरा अधिनियम, सिनेमा अधिनियम तथा क्षेत्र व जिला पंचायत अधिनियम सहित कई कानूनों को अधिक व्यावहारिक स्वरूप दिया जाएगा। इनमें जहां पहले कारावास की सजा का प्रविधान था, वहां अब अधिक आर्थिक दंड व प्रशासनिक कार्रवाई करने की योजना है। नए प्रविधानों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अनावश्यक दंडात्मक प्रविधानों को समाप्त कर, उनकी जगह पारदर्शी और न्यायसंगत व्यवस्था लागू करना समय की मांग है।
बैठक में बताया गया कि इस विधेयक पर संबंधित 14 विभागों से राय ली गई है। अधिकांश विभाग सहमत हैं, जबकि कुछ ने आपत्तियां दर्ज कराई हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि आपत्तियों और सुझावों पर गंभीरता से विचार करते हुए विधेयक को ऐसा स्वरूप दिया जाए, जो उद्योग और श्रमिकों के हितों में संतुलित हो।
बैठक में श्रम कानूनों के सरलीकरण पर भी चर्चा हुई। प्रस्तावों में फैक्ट्री लाइसेंस की अवधि बढ़ाने, दुकानों व प्रतिष्ठानों के नियमों में व्यावहारिक बदलाव करने और महिलाओं को अधिक अवसर उपलब्ध कराने जैसे कदम शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि निरीक्षण व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए स्व-सत्यापन और थर्ड पार्टी आडिट प्रणाली अपनाई जानी चाहिए। इन सुधारों से जहां उद्योगों का बोझ कम होगा, वहीं श्रमिकों के हित भी सुरक्षित होंगे।
सुधारों की श्रृंखला में ‘निवेश मित्र 3.0’ पर भी विचार-विमर्श हुआ। इसके तहत निवेशकों की आवेदन व अनुमोदन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और सुगम बनाया जाएगा। कामन एप्लिकेशन फार्म, पैन-आधारित पहचान, स्मार्ट डैशबोर्ड, बहुभाषी सहायता और एआई चैटबाट जैसी सुविधाएं जोड़ी जाएंगी। योगी ने कहा कि सेवाओं की समयबद्ध डिलीवरी और निवेशकों की शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि निवेश मित्र पोर्टल का नया संस्करण शीघ्र ही लांच किया जाए, जिससे ईज आफ डूइंग बिजनेस को नई मजबूती मिलेगी।
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