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    UP News: यूपी में मिलावटखोरों पर कसेगा कड़ा शिकंजा, एफएसडीए विभाग में होगा जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी का पद

    By Amit Yadav Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Sat, 25 Oct 2025 12:23 PM (IST)

    FSDA Department will generate more posts of DDCO: मुख्यमंत्री ने औषधि नियंत्रण संवर्ग के पुनर्गठन और नए पदों के सृजन से संबंधित प्रस्तावों की समीक्षा में शुक्रवार को कहा कि सभी जिलों में औषधि निरीक्षकों की समुचित तैनाती, जिला स्तर पर प्रभावी पर्यवेक्षण और समयबद्ध जांच व्यवस्था लागू की जाए।

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    मुख्यमंत्री ने की औषधि नियंत्रण संवर्ग के पुनर्गठन और नए पदों के सृजन से संबंधित प्रस्तावों समीक्षा

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : उत्तर प्रदेश में मिलावटखोरों और नक्कालों पर कड़ा शिकंजा कसने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) विभाग में जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी के 77 पद सृजित किए जाएंगे। प्रदेश के 75 जिलों में एक-एक और दो जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी मुख्यालय पर रहेंगे।

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    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में औषधियों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और जिला स्तर पर औषधि नियंत्रण तंत्र को सुदृढ़ और प्रभावी बनाने के लिए शुक्रवार को यह निर्देश दिए। उन्होंने औषधि निरीक्षकों की संख्या को दोगुणा करने और साक्षात्कार के स्थान पर लिखित परीक्षा के माध्यम से भर्ती कराने के भी निर्देश दिए।

    मुख्यमंत्री ने औषधि नियंत्रण संवर्ग के पुनर्गठन और नए पदों के सृजन से संबंधित प्रस्तावों की समीक्षा में शुक्रवार को कहा कि सभी जिलों में औषधि निरीक्षकों की समुचित तैनाती, जिला स्तर पर प्रभावी पर्यवेक्षण और समयबद्ध जांच व्यवस्था लागू की जाए। एफएसडीए के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि वर्तमान में विभाग में 109 औषधि निरीक्षक के पद हैं। इनमें से 77 ही कार्यरत हैं। अन्य पद रिक्त पड़े हैं। जो भारत सरकार के मानकों के अनुसार अपर्याप्त हैं।

    इस पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश में औषधि निरीक्षण व्यवस्था को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने उप आयुक्त (औषधि) के पदों की संख्या में वृद्धि, संयुक्त आयुक्त (औषधि) के पद पर पदोन्नति के लिए अर्हकारी सेवा में संशोधन के प्रस्ताव को सहमति दी। औषधि नियंत्रक पद के लिए स्पष्ट योग्यताएं और मानक तय करने के निर्देश दिए। कहा कि इस पद के लिए एक निश्चित कार्यकाल निर्धारित किया जाए, जिससे तंत्र के शीर्ष स्तर पर नेतृत्व और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।

    गौरतलब है कि वर्तमान में एफएसडीए में संयुक्त आयुक्त पद रिक्त है। संयुक्त आयुक्त पद के लिए उपायुक्त के पद पर चार साल का अनुभव होना चाहिए, लेकिन इससे पहले ही अधिकारी सेवानिवृत्त हो जा रहे हैं। संवर्ग पुनर्गठन में संयुक्त आयुक्त के पद के अनुभव को कम करके दो साल करने का प्रस्ताव है। इससे उपायुक्त की पदोन्नति संयुक्त आयुक्त के पद पर हो सकेगी।

    इसके अलावा एफएसडीए में उपायुक्त का एक पद है। संवर्ग पुनर्गठन में उपायुक्त के पद तीन करने का प्रस्ताव है। जिससे औषधि नियंत्रण के अलावा ब्लड बैंक के लाइसेंस सहित अन्य कार्य करने में आसानी रहेगी। जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी के 77 पदों के लिए 50 फीसदी औषधि निरीक्षकों की प्रोन्नति से भरे जाएंगे। जबकि 50 फीसदी पद सीधी भर्ती से लिए जताएंगे।