Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP: लखनऊ में संदिग्ध बांग्लादेशियों की बस्तियों में चोरी-छिपे चल रहे कुटीर उद्योग

    By Ajay Srivastava Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Mon, 08 Dec 2025 12:20 PM (IST)

    Suspected Bangladesh Natives in Lucknow: इंदिरा नगर से जुड़े सुगामऊ में प्राथमिक स्कूल के बगल में प्लास्टिक और पालीथिन को गलाकर दाना बनाने की मशीन भी ...और पढ़ें

    Hero Image

    सुगामऊ गांव में आबादी के बीच में पालीथिन से दाना बनाने की मशीन, पालीथिन की छंटाई करती संदिग्ध बांग्लादेशी

    अजय श्रीवास्तव, जागरण, लखनऊ: संदिग्ध बांग्लादेशियों ने लखनऊ में कुटीर उद्योग खड़ा कर दिया है। यह काम किसकी जमीन पर हो रहा है, कोई बताने वाला नहीं। कुछ जगहों पर सरकारी होने की बात भी सामने आ रही है। एक तरफ सरकार घुसपैठियों को बाहर करने की मुहिम छेड़े है तो दूसरी ओर यह मजबूती से काबिज हो रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गुडंबा के बहादुरपुर में सपा के पूर्व पार्षद पंकज यादव की जमीन पर ही संदिग्ध बांग्लादेशियों की बस्ती बसी है। यहां हर दिन बड़े पैमाने पर कबाड़ एकत्र कर उसे ठेकेदारों को बेचा जा रहा है। ये ठेकेदार भी शहर के ही हैं, जो रात में बोरे में अलग-अलग भरे गत्ता, बोतल, पालीथिन और प्लास्टिक को ले जाते हैं। पालीथिन और प्लास्टिक को गलाकर उसका दाना बनाया जाता है फिर उस दाने को बेचा जाता है, जिससे पालीथीन के साथ ही प्लास्टिक के उत्पाद तैयार होते हैं।

    इंदिरा नगर से जुड़े सुगामऊ में प्राथमिक स्कूल के बगल में प्लास्टिक और पालीथिन को गलाकर दाना बनाने की मशीन भी लगाई गई है, जो अभी चालू होने वाली है। इसके लिए बिजली का कनेक्शन (दस हार्सपावर) का ले लिया गया है। यह जगह भी संदिग्ध बांग्लादेशियों की बस्ती से कुछ ही दूरी पर है।

    लोगों का कहना है कि पहले संदिग्ध बांग्लादेशियों की बस्ती में ही पालीथिन और प्लास्टिक को गलाया जाता था। उसका धुंआ उड़ता था लेकिन यह काम रात में ही होता है, जबकि पास में मौजूद चांदन गांव में संदिग्ध बांग्लादेशियों की बस्ती में ही पालीथिन और प्लास्टिक को गलाकर उसका दाना बनाया जाता है। रात में यहां भी यह काम होता है, लेकिन इस दौरान सख्ती होने से काम बंद है।

    ठंडी पड़ने लगी जांच

    मुख्यमंत्री के आदेश के बाद पुलिस से लेकर नगर निगम में संदिग्ध बांग्लादेशियों की बस्तियों में निगरानी तंत्र तेज हुआ था, लेकिन अब यह निगरानी ठंडी होती दिख रही है। लिहाजा बस्तियों में रहने वालों में शहर से भगाए जाने का खौफ कम होता दिख रहा है।

    बड़े कबाड़ियों के संरक्षण में चल रहा धंधा

    नगर निगम के साथ ही पुलिस और बड़े कबाड़ियों की मदद से ही संदिग्ध बांग्लादेशियों के पास रोजगार के साधन बढ़ते जा रहे हैं। दैनिक जागरण की टीम ने अपने सर्वे में पाया कि चांदन में शहर के कुछ कबाड़ी इन बस्तियों के संरक्षणदाता हैं जो कूड़े से निकले कबाड़ को खरीदते हैं। चांदन में मौजूद संदिग्ध बांग्लादेशी महिला ने बताया कि ठेकेदार की गाड़ी रात में आती है और तौलकर कबाड़ को ले जाती है। इसे हर परिवार को हर दिन दो हजार तक की आय हो जाती है। चांदनी बस्ती में ही बोरों में भारी मात्रा में पालीथिन और प्लास्टिक रखी पाई। दो सौ बोरे अलग-अलग जगह रखे गए।