यूपी में प्राइवेट स्कूलों को बड़ी राहत, अपने आप स्थायी होगी मान्यता, योगी सरकार ने कर दी ये व्यवस्था
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने निजी स्कूलों को बड़ी राहत दी है। अब स्कूलों की मान्यता स्वतः ही स्थायी हो जाएगी, जिससे उन्हें बार-बार नवीनीकरण की प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी। इस नई व्यवस्था से स्कूलों को प्रशासनिक कार्यों में सरलता होगी और वे शिक्षा की गुणवत्ता पर अधिक ध्यान दे सकेंगे। सरकार का मानना है कि इससे राज्य में शिक्षा का स्तर ऊपर उठेगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के अशासकीय प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूलों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। अब इन स्कूलों को बार-बार मान्यता नवीनीकरण के झंझट से नहीं गुजरना पड़ेगा।
बेसिक शिक्षा विभाग ने व्यवस्था की है कि यदि किसी अशासकीय विद्यालय ने तीन साल की औपबंधिक (अस्थायी) मान्यता के दौरान सभी नियमों और शर्तों का पालन किया है, तो उसे तीन वर्ष पूरे होने पर अपने आप स्थायी मान्यता प्राप्त मानी जाएगी।
बेसिक शिक्षा विभाग ने आठ मई 2013 को अशासकीय नर्सरी, प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की मान्यता के लिए नियम तय किए थे। बाद में 11 जनवरी 2019 के शासनादेश के जरिये नई व्यवस्था लागू की गई, जिसके तहत तीन वर्ष की औपबंधिक मान्यता के बाद यदि कोई उल्लंघन नहीं पाया गया, तो विद्यालय की मान्यता स्वतः स्थायी मानी जाएगी।
जिलों में इसका पालन नहीं हो रहा था। अब इस संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने सभी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशकों (एडी बेसिक) और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को सख्ती से इसे लागू करने के लिए कहा है। शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि जिन विद्यालयों ने मान्यता की शर्तों का पालन किया है, उन्हें समय से स्थायी मान्यता का लाभ मिल सके।
शिक्षा अधिकारियों को निर्देश है कि वह योग्य विद्यालयों की फाइलें समय पर समीक्षा कर स्थायी मान्यता की प्रक्रिया स्वतः पूरी कराएं। इससे स्कूलों को स्थायित्व मिलेगा और बच्चों की पढ़ाई में किसी तरह की बाधा नहीं आएगी। इससे हजारों अशासकीय स्कूलों को फायदा मिलेगा।
उन्हें हर तीन साल में मान्यता नवीनीकरण के लिए दोबारा कागजी प्रक्रिया, निरीक्षण और शुल्क जैसी औपचारिकताओं से नहीं गुजरना होगा। साथ ही समय और धन की बचत होगी, बल्कि अनावश्यक प्रशासनिक देरी भी खत्म होगी।
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