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    यूपी में युवाओं को मिल रही स्पेशल ट्रेनिंग, रोजगार पाने में आएगी काम

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 03:48 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन ने युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए 800 से अधिक प्रशिक्षण भागीदारों को शामिल किया है। इस योजना में निजी और सरकारी संस्थान दोनों शामिल हैं। निजी संस्थानों के लिए कुछ पात्रता मापदंड तय किए गए हैं, जैसे कि न्यूनतम टर्नओवर और प्लेसमेंट रिकॉर्ड। इस पहल से युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर मिलेंगे।

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    यूपी में युवाओं को मिल रही स्पेशल ट्रेनिंग, रोजगार पाने में आएगी काम


    राज्य ब्यूरो, लखनऊ।  प्रदेश में युवाओं को उद्योग-समर्थित प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए कौशल विकास मिशन ने 800 से अधिक प्रशिक्षण भागीदारों को शामिल किया है। इस पहल के तहत युवाओं को उद्योग की मांग के अनुरूप कोर्सेज में प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे रोजगार के लिए अधिक सक्षम बन सकें। इसमें 500 से अधिक निजी प्रशिक्षण भागीदार (प्राइवेट ट्रेनिंग पार्टनर्स) शामिल हैं।

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    इनके लिए पात्रता शर्तों में कम से कम तीन वर्ष का संचालन अनुभव, पिछले तीन वर्षों में औसतन दो करोड़ रुपये का वार्षिक कारोबार और कम से कम दो हजार अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित करने और एक हजार को रोजगार दिलाने का रिकार्ड अनिवार्य है। कौशल विकास मिशन ने स्पष्ट किया है कि कम टर्नओवर वाले स्टार्टअप्स और छोटे संगठनों को इसमें शामिल नहीं किया जा रहा है, ताकि उच्च गुणवत्ता और रोजगारपरक प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जा सके।

    इसके साथ ही 35 फ्लेक्सी एमओयू पार्टनर्स जैसे रेमंड, मारुति इंडिया लिमिटेड, काफी डे ग्लोबल लिमिटेड, एलएंडटी, जीफोरएस सिक्योर साल्यूशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और फ्यूचर शार्प स्किल्स लिमिटेड जैसे प्रतिष्ठित औद्योगिक समूह भी राज्य सरकार के साथ समझौते के माध्यम से जुड़े हैं। इन कंपनियों के लिए यह शर्त रखी गई है कि उनका औसतन कारोबार 100 करोड़ रुपये से अधिक हो, वे प्रति वर्ष कम से कम 500 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित करें और 80 प्रतिशत से अधिक प्लेसमेंट सुनिश्चित करें।

    इसके अलावा 300 से अधिक सरकारी प्रशिक्षण संस्थान, आइटीआइ, पालिटेक्निक, सार्वजनिक उपक्रम और अन्य प्रतिष्ठित सरकारी एजेंसियां भी इस पहल में भागीदार हैं। इन संस्थानों के माध्यम से युवाओं को रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण देने की दिशा में प्रयास तेज किए गए हैं। इससे प्रदेश के युवाओं को उद्योगों की जरूरतों के अनुरूप प्रशिक्षण प्राप्त करने और बेहतर रोजगार के अवसर हासिल करने में मदद मिलेगी।