यूपी में SIR: 4 नवंबर से 7 फरवरी तक चलेगी पूरी प्रक्रिया, मुख्य चुनाव अधिकारी ने दिए हर सवाल के जवाब
उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान के तहत, 1 जनवरी 2026 को पात्रता तिथि निर्धारित की गई है। 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक घर-घर गणना प्रपत्र वितरित किए जाएंगे, और 9 दिसंबर से 8 जनवरी तक दावे और आपत्तियां स्वीकार की जाएंगी। मतदाता निर्वाचन आयोग के पोर्टल पर 2003 की मतदाता सूची में अपना नाम देख सकते हैं। अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण की पात्रता तिथि एक जनवरी 2026 निर्धारित की गई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि चार नवंबर से चार दिसंबर तक गणना प्रपत्र घर-घर वितरित किए जाएंगे।
दावे और आपत्तियां प्राप्त करने की अवधि नौ दिसंबर से आठ जनवरी तक रखी गई है। इस दौरान मतदाता सूची में नाम जुड़वाने, सुधार करवाने या किसी नाम को हटाने के लिए आवेदन किया जा सकेगा।
मतदाता भारत निर्वाचन आयोग के पोर्टल (http://voters.eci.gov.in) या फिर मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पोर्टल (https://ceouttarpradesh.nic.in) पर वर्ष 2003 की मतदाता सूची में आप अपना नाम देख सकते हैं। स्वयं का नाम वर्ष 2003 की मतदाता सूची में न होने की स्थिति में अपने संबंधी का नाम यदि उसमें है तो उसका विवरण भी स्वयं या फिर बीएलओ की सहायता से गणना प्रपत्र पर भरा जा सकता है।
एसआइआर के तहत गणना प्रपत्रों के जमा होने के बाद उनकी जांच की जाएगी। वर्ष 2003 की मतदाता सूची से मिलान करने के बाद उन लोगों को नोटिस दिया जाएगा जिनके रिकार्ड नहीं मिल पाएंगे। नोटिस देने का अभियान नौ दिसंबर से 31 जनवरी तक चलेगा। इस अवधि में संबंधित प्राधिकारी गणना प्रपत्रों पर निर्णय लेकर दावे और आपत्तियों का निस्तारण करेंगे।

अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन सात फरवरी को किया जाएगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव आयोग का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान मतदाताओं को सही और अद्यतन सूची उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
साफ-सुथरी मतदाता सूची बन जाने से चुनाव में मतदान प्रतिशत भी बढ़ेगा। उन्होंने पात्र नागरिकों से अपील की है कि वे निर्धारित अवधि में अपने नाम की जांच कर आवश्यक संशोधन या नया पंजीकरण अवश्य कराएं ताकि आगामी चुनावों में कोई मतदाता मताधिकार से वंचित न रह जाएं।
नाम न हो तो दिखाएं ये दस्तावेज
- केंद्र सरकार, राज्य सरकार या किसी सरकारी उपक्रम के नियमित कर्मचारी या पेंशनधारक को जारी किया गया पहचान पत्र या पेंशन भुगतान का कोई आदेश।
 - सरकारी संस्था, स्थानीय निकाय, बैंक, एलआइसी, डाकघर या सरकारी उपक्रम द्वारा एक जुलाई 1987 से पहले जारी किया गया कोई भी पहचान पत्र, प्रमाणपत्र या दस्तावेज।
 - किसी सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया जन्म प्रमाणपत्र।
 - भारत का पासपोर्ट lकिसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा जारी किया गया शैक्षिक प्रमाणपत्र।
 - राज्य सरकार की सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी स्थायी निवास प्रमाणपत्र।
 - वन अधिकार प्रमाणपत्र।
 - सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी ओबीसी, एससी, एसटी या किसी जाति का प्रमाणपत्र।
 - राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर जहां लागू होl
 - राज्य या स्थानीय निकायों द्वारा तैयार किया गया परिवार रजिस्टर।
 - सरकार द्वारा जारी भूमि या मकान आवंटन प्रमाणपत्र।
 - आधार कार्ड मान्य पर आयोग के दिशा-निर्देश के अनुसार।
 
कब क्या होगा?
चार नवंबर से चार दिसंबर- बीएलओ घर-घर जाकर गणना प्रपत्र वितरित करेंगे और भरवाकर वापस लेंगे।
नौ दिसंबर- अंनतिम मतदाता मतदाता सूची का प्रकाशन
नौ दिसंबर से आठ जनवरी- सूची पर दावे और आपत्तियां दाखिल करने की अवधि
31 जनवरी तक- दावों और आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा सात फरवरी: अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होगी

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