'बीमारू हो गया था प्रदेश', किसानों से मिलकर बोले सीएम योगी- पहले बिचौलियों को मिलता था मुनाफा
गन्ना मूल्य वृद्धि से उत्साहित किसानों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अभिवादन किया। योगी ने कहा कि पिछली सरकारों ने किसानों की उपेक्षा की जिससे प्रदेश बीमारू हो गया। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने नई चीनी मिलें स्थापित कीं और गन्ना पर्ची व्यवस्था को ऑनलाइन किया, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिल रहा है। गन्ना मंत्री ने कहा कि अब प्रदेश में 'गन्ना माफिया' जैसे शब्द नहीं हैं।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। गन्ना मूल्य बढ़ोतरी के निर्णय से उत्साहित प्रदेश के गन्ना किसानों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर योगी आदित्यनाथ का अभिवादन किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने गन्ना किसानों से संवाद करते हुए कहा कि अन्नदाता किसानों का अपमान करके कोई देश या राज्य कभी उन्नति नहीं कर सकता है।
पूर्व की सरकारों ने किसानों की उपेक्षा की और नतीजा उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य हो गया। प्रदेश को बीमारू बनाने के पीछे सत्ता के लोगों की बीमार मानसिकता थी। उन्हें अपने परिवार की चिंता थी। पहले की सरकारों में चीनी मिल बंद हो रही थीं, बिक रहीं थीं।
हमने इसे रोका। पिछले आठ वर्षों में चार नई चीनी मिलें स्थापित हुईं। छह बंद मिलें फिर शुरू हुईं और 42 मिलों में क्षमता विस्तार हुआ। प्रदेश में 122 चीनी मिलें चल रही हैं और इनमें 105-106 ऐसी हैं, जो एक सप्ताह में गन्ना खरीद का भुगतान कर रही हैं। यही नहीं, अब तो हम शुगर कांप्लेक्स बनाने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आठ वर्षों में 23 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि सिंचित की गई है। तब भी मेहनत किसान की, फसल किसान की, लेकिन मुनाफा बिचौलियों को मिलता था। हमने इस व्यवस्था को बदला और आज जिसका खेत, उसी से खरीद करते हुए सीधा उसके बैंक अकाउंट में पैसा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ना क्षेत्र में नया निवेश आ रहा है। गन्ना अब सीजनल नहीं रहा, वर्षपर्यंत का कार्यक्रम है। कहीं कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी), कहीं डिस्टिलरी, कहीं को-जेनरेशन प्लांट सब कुछ लग रहा है। सम्मान तो सरकार का नहीं, अन्नदाता किसान का होना चाहिए, जिन्होंने प्रदेश को चीनी, गन्ना व एथेनाल उत्पादन में देश में नंबर एक कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ''''स्मार्ट गन्ना किसान'''' प्रणाली से गन्ना पर्ची व्यवस्था पूरी तरह आनलाइन हुई और बिचौलियों का राज खत्म किया गया। अब किसी को सिफारिश की जरूरत नहीं है। अकेले चीनी मिलों के माध्यम से 10 लाख परिवारों को आजीविका मिली है। सरकार ने खांडसारी को भी प्रोत्साहित किया है। जहां जरूरत होगी, सीबीजी प्लांट लगेगा। चीनी मिल लगेगी, एथेनाल प्लांट लगेगा।
इससे पहले गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि आठ वर्ष पहले गन्ना किसानों के बीच दो शब्द बहुत प्रचलित थे ‘गन्ना माफिया’ और ‘घटतौली’। अब यह दोनों शब्द प्रदेश में नहीं हैं। प्रदेश में अब तक किसी भी सरकार ने अपने कार्यकाल में गन्ना मूल्य में 80 रुपये तक की वृद्धि नहीं की थी।
मुख्यमंत्री का यह निर्णय दूरदर्शी और किसान हितैषी है। भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री का शाल व हल देकर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में जय जवान-जय किसान का नारा गूंजा है। प्रदेश के अलग-अलग स्थानों से आए कई किसानों ने पुष्पगुच्छ देकर मुख्यमंत्री का सम्मान किया।

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