Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    SIR in UP: 2003 की मतदाता सूची में नाम खोजना होगा आसान, एक क्लिक में दिखेगी वोटर लिस्ट

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 08:02 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में 2003 की मतदाता सूची में नाम खोजना अब आसान हो गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने वोटर लिस्ट को डिजिटल कर दिया है, जिससे नागरिक एक क्लिक में जानकारी पा सकेंगे। इस कदम से पारदर्शिता बढ़ेगी और चुनावी प्रक्रिया में भाग लेना सुगम होगा। आयोग का उद्देश्य सभी नागरिकों को चुनाव में आसानी से शामिल करना है।

    Hero Image

    आसान होगा वर्ष 2003 की मतदाता सूची में नाम ढूंढना।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में 22 वर्ष बाद शुरू हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के तहत अब मतदाताओं के लिए वर्ष 2003 की मतदाता सूची में नाम खोजना आसान होने जा रहा है। चुनाव आयोग मतदाताओं की सुविधा के लिए नई पहल शुरू करने जा रहा है। मोहल्ले का नाम डालते ही संबंधित पोलिंग बूथों की सूची स्क्रीन पर सामने आ जाएगी। इससे एक-एक सूची को डाउनलोड नहीं करना पड़ेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रदेश में इससे पहले वर्ष 2003 में एसआईआर हुआ था। इस बार जो एसआईआर हो रहा है उसमें वर्तमान मतदाता सूची को वर्ष 2003 की सूची से मिलान किया जा रहा है। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर वर्ष 2003 की मतदाता सूची पहले से उपलब्ध है, लेकिन इसमें नाम ढूंढना बेहद कठिन कार्य है।

    हर एक पोलिंग बूथ की अलग-अलग सूची डाउनलोड करनी पड़ती है। यदि किसी मतदाता को वर्ष 2003 में अपना मतदान केंद्र व पोलिंग बूथ याद है तो वह आसानी से अपना नाम पुरानी सूची में खोज सकते हैं किंतु जिन्हें याद नहीं है उनके लिए मुश्किलें बढ़ जाती हैं।

    इस समस्या को देखते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने मतदाताओं की सुविधा के लिए एक नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी की है। वह 2003 की मतदाता सूची में नाम खोजना आसान बनाने में जुटे हुए हैं। वेबसाइट पर मतदाता सूची में मोहल्ले या क्षेत्र का नाम दर्ज करने पर उसी क्षेत्र से संबंधित सभी पोलिंग बूथों की मतदाता सूची स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाएगी। इसमें वे अपना नाम खोज सकेंगे।

    आयोग का उद्देश्य इस तकनीकी सुधार के माध्यम से अधिक से अधिक नागरिकों को मतदाता सूची के प्रति जागरूक करना और सुधार प्रक्रिया में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है। यह कदम न केवल मतदाता सूची को अपडेट करने में सहायक होगा बल्कि पारदर्शिता और विश्वास बढ़ाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित होगा। इस सप्ताह के अंत तक यह सुविधा मिलने की उम्मीद है।