यूपीपीसीएल पीएफ घोटाले का मामला: कपिल व धीरज वधावन की न्यायिक हिरासत 27 जून तक बढ़ी
अभियुक्तों पर एक साजिश के तहत भारत सरकार की गाइड लाइन का उल्लघंन कर सीपीएफ व जीपीएफ की कई हजार करोड़ की रकम प्राइवेट फाइनेंस कम्पनियों में गलत तरीके से निवेश करने का इल्जाम है। पांच मार्च 2020 को इस मामले की विवेचना सीबीआइ को सौंप दी गई।

लखनऊ, विधि संवादाता। उप्र पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) पीएफ घोटाला मामले में निरुद्ध डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन व धीरज वधावन की न्यायिक हिरासत की अवधि 27 जून तक के लिए बढ़ा दी गई है। सोमवार को दोनों अभियुक्तों को जेल से सीबीआइ की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया था। विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने इसके साथ ही अभियुक्तों को नवी मुंबई की तलोजा जेल भेजने के मसले पर विवेचक व जेल अधीक्षक से रिपोर्ट तलब किया है।
मामले की सुनवाई 14 जून को होगी। बीती 26 मई को अभियुक्तों को नवी मुंबई की तलोजा जेल से लाकर सीबीआइ की विशेष अदालत में पेश किया गया था। नौ जून तक अभियुक्त सीबीआइ की कस्टडी रिमांड में थे। विशेष अदालत ने इसके बाद अभियुक्तों को 13 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में लखनऊ जेल भेज दिया था। दो नवंबर, 2019 को इस मामले की रिपोर्ट वर्तमान सचिव ट्रस्ट आइएम कौशल ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी। जिसकी विवेचना ईओडब्ल्यू कर रही थी।
उसने इस मामले में यूपीपीसीएल के तत्कालीन आला अफसरों समेत 17 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था। अभियुक्तों पर एक साजिश के तहत भारत सरकार की गाइड लाइन का उल्लघंन कर सीपीएफ व जीपीएफ की कई हजार करोड़ की रकम प्राइवेट फाइनेंस कम्पनियों में गलत तरीके से निवेश करने का इल्जाम है। पांच मार्च, 2020 को इस मामले की विवेचना सीबीआइ को सौंप दी गई। विवेचना अभी जारी है।

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