शिक्षा में नया मॉडल बन रहा UP, 8 सालों में ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ और ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ से बदले स्कूलों के हालात
यूपी सरकार ने ऑपरेशन कायाकल्प और प्रोजेक्ट अलंकार के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन किए हैं। प्राथमिक विद्यालयों में 97% तक बुनियादी सुविधाओं का विकास हुआ है जिससे विद्यालयों में टॉयलेट पानी बिजली और फर्नीचर जैसी सुविधाएं उपलब्ध हो गई हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने प्रोजेक्ट अलंकार के तहत विद्यालयों में शैक्षणिक और सह-शैक्षणिक विकास किया है। योगी सरकार शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राथमिक से लेकर माध्यमिक शिक्षा तक में व्यापक बदलाव करते हुए प्रदेश के शैक्षिक परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रहे ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ और ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ ने परिषदीय विद्यालयों और माध्यमिक विद्यालयों को नई पहचान दी है।
ऑपरेशन कायाकल्प वर्ष 2018 में शुरू हुआ था। इसका लक्ष्य परिषदीय विद्यालयों को आधुनिक, सुरक्षित और सुविधासंपन्न बनाना था। आज इस अभियान के तहत 97 प्रतिशत तक बुनियादी सुविधाओं का विकास पूरा हो चुका है।
पहले जहां स्कूलों में टॉयलेट, पानी, बिजली और फर्नीचर तक का अभाव था, वहीं आज वे गेट युक्त बाउंड्री वॉल, टाइल्स युक्त शौचालय, पेंटेड परिसर और सोलर लाइट्स से युक्त विद्यालयों में तब्दील हो चुके हैं। नीति आयोग ने भी इसे देशभर के लिए अनुकरणीय मॉडल माना है।
इसी तरह, माध्यमिक शिक्षा विभाग ने ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ की शुरुआत की है, जिसके तहत 27 मापदंडों पर 2295 विद्यालयों की मैपिंग की अवस्थापना स्थिति को बेहतर बनाने का कार्य चल रहा है।
ऑपरेशन कायाकल्प ने बदली तस्वीर
योगी सरकार ने परिषदीय विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के सुधार लिए ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से अभियान छेड़ रखा है। इस अभियान के बाद प्रदेश में उल्लेखनीय सुधार दर्ज हुए हैं। सभी विद्यालयों में स्वच्छ पेयजल, बालक, बालिका और दिव्यांग बच्चों के लिए अलग-अलग स्वच्छ शौचालय और मूत्रालय का निर्माण कराया गया है।
मल्टीपल हैंड वाशिंग, कक्षा-कक्षों में टाइल्स, आधुनिक बोर्ड्स, स्वच्छ रसोई घर, भवनों का रंग रोगन, रैंप एवं रेलिंग की व्यवस्था, स्कूलों में विद्युत की व्यवस्था, वाटर सप्लाई, स्वच्छता एवं साफ-सफाई, लाइब्रेरी, फर्नीचर और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं से इन विद्यालयों को लैस किया गया है।
प्रोजेक्ट अलंकार से जर्जर भवन हुए आधुनिक
इसी तरह माध्यमिक शिक्षा विभाग ने ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ के तहत शैक्षणिक, सह शैक्षणिक, मूल अवस्थापना के लिए व्यापक पैमाने पर कार्य किया है। विद्यालयों में कक्षा-कक्ष, लैब, लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब, वाई-फाई, स्मार्ट क्लास और फर्नीचर की व्यवस्था की गई है।
वहीं खेल का मैदान, ओपन जिम, बहुउद्देशीय हॉल, आर्ट एंड क्राफ्ट कक्ष, व्यावसायिक शिक्षा कक्ष और बैंड तथा साउंड सिस्टम उपलब्ध कराया गया है। मूलभूत अवस्थापना में प्रिंसिपल रूम, स्टाफ कक्ष, पेयजल, बालक, बालिका शौचालय, चहारदीवारी और कार्यालय कक्ष का निर्माण कराया गया है।
अन्य अवस्थापना में बजली, बायोमेट्रिक मशीन, सीसीटीवी, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, सोलर पैनल स्थापना, फायर इंस्ट्रूमेंट और साइकिल स्टैंड से सुसज्जित किया गया है।
2017 से पहले जर्जर थी पूरी शिक्षा व्यवस्था
2017 से पहले की स्थिति पर नज़र डालें तो अधिकांश विद्यालयों की हालत बेहद खराब थी। भवन जर्जर हो चुके थे और बच्चों को बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल रही थीं। इसके चलते विद्यालयों में बच्चों की संख्या लगातार कम हो रही थी और शिक्षा बुरी तरह प्रभावित हो रही थी।
लेकिन योगी सरकार की प्राथमिकता शिक्षा को सर्वोच्च स्थान देने की रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा है कि बच्चों को गुणवत्ता आधारित, समान और समावेशी शिक्षा देना सरकार का दायित्व है।
इसी दृष्टि से ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ और ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ जैसी योजनाएं न केवल स्कूलों को नया रूप दे रही हैं बल्कि करोड़ों बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की ठोस नींव भी रख रही हैं।आज गांवों के ये स्कूल केवल सरकारी भवन नहीं, बल्कि ग्राम सभा के सबसे सुंदर, सुरक्षित और सर्वसुविधा युक्त केंद्र बन चुके हैं।
ग्रामीण अभिभावकों का भरोसा अब इन विद्यालयों पर और बढ़ा है। शिक्षा का यह कायाकल्प केवल स्कूलों की दीवारें नहीं बदल रहा, बल्कि प्रदेश का भविष्य गढ़ रहा है।
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