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    पांच साल में 30 प्रतिशत बढ़ेगी धान की उत्पादकता, इरी और उत्तर प्रदेश सरकार में हुआ एमओयू, मिलकर करेंगे काम

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 09:36 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश सरकार और अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (इरी) के बीच एक समझौता हुआ है। इसका लक्ष्य अगले पांच सालों में धान की पैदावार को 30% तक बढ़ाना है। इरी और सरकार मिलकर नई तकनीकें और उन्नत बीज इस्तेमाल करेंगे। किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे उनकी आय बढ़ेगी और राज्य में खाद्य सुरक्षा बेहतर होगी।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। जलवायु अनुकूल धान आधारित फसल प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान (इरी) और उत्तर प्रदेश कृषि विविधीकरण परियोजना (यूपीडास्प) मिलकर काम करेंगे।

    इसके लिए इरी और प्रदेश सरकार के बीच उप्र एग्रीकल्चर ग्रोथ एंड रूरल इंटरप्राइज इकोसिस्टम स्ट्रेंग्थनिंग परियोजना (यूपी-एग्रीज) के तहत समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। एमओयू के तहत धान की सीधी बोआई (डीएसआर) को 20 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने और वर्ष 2030 तक उत्पादकता में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है।

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    पूर्वी उप्र में धान में कम उत्पादकता एक चुनौती बनी हुई है। परियोजना के 21 जिलों में औसत धान उत्पादन लगभग 2.7 टन प्रति हेक्टेयर है, जो पंजाब के 4.2 टन प्रति हेक्टेयर से काफी कम है। गेहूं की पैदावार भी राष्ट्रीय औसत की अपेक्षा कम है।

    यूपी एग्रीज परियोजना इन चुनौतियों का समाधान, धान की सीधी बोआई, कुशल अवशेष प्रबंधन, यंत्रीकरण आदि के माध्यम से करेगी। पारंपरिक और प्रीमियम धान किस्मों को बाजार में स्थापित करने, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और मूल्य संवर्धन के माध्यम से उद्यमिता को समर्थन देने पर भी जोर रहेगा। जिससे धान-गेहूं प्रणाली की उत्पादकता, लाभप्रदता में सुधार होगा।

    परियोजना के तहत 2.15 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में डीएसआर, जीरो टिलेज गेहूं और प्रणाली अनुकूलन का प्रदर्शन किया जाएगा। 25 हजार मास्टर ट्रेनर्स का क्षमता विकास किया जाएगा। सेवा प्रदाता केंद्र सहित 500 उद्यमों का विकास किया जाएगा।

    उन्नत और पारंपरिक किस्मों की नई किस्मों के बीज और मिनीकिट्स का वितरण कराया जाएगा। राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण यात्राओं का आयोजन किया जाएगा और जन जागरूकता अभियान भी चलेगा।

    परियोजना समन्वयक यूपीडास्प एवं कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि प्रदेश को एक ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था बनाने के विज़न और वर्ष 2030 तक वैश्विक फ़ूड बास्केट बनाने के लक्ष्य के तहत लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इरी जैसे वैश्विक अनुसंधान संगठनों के साथ सहयोग से अत्याधुनिक तकनीकी और सर्वोत्तम पद्धतियों को सीधे किसानों तक पहुंचाया जा रहा है।

    महानिदेशक इरी डा. यवोन पिंटो ने कहा कि इरी, उप्र सरकार को जलवायु-स्मार्ट, सहिष्णु और बाजार उन्मुख कृषि को आगे बढ़ाने में सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।

    यूपी-एग्रीज के तहत इस साझेदारी से हम अपनी वैश्विक विशेषज्ञता को अनुसंधान, स्केलिंग और क्षमता विकास में एकीकृत कर साथ राज्य में धान-गेहूं आधारित प्रणालियों को मजबूत करना चाहते हैं। इस दौरान प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र, अपर परियोजना निदेशक यूपी एग्रीज अनुराग यादव आदि उपस्थित रहे।