विधान सभा की समितियां हैं लोकतंत्र की रीढ़: सतीश महाना; जनप्रतिनिधियों से ठोस सुझाव का आह्वान
विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि सरकार जनता के टैक्स से चलती है, इसलिए हर पैसे का सही उपयोग करना सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने विधान सभा समितियों को लोकतंत्र की रीढ़ बताते हुए जनप्रतिनिधियों से जनता के हित में ठोस सुझाव देने का आह्वान किया। विभिन्न समितियों के सभापतियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में कार्य करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बुधवार को विभिन्न संसदीय समितियों की बैठक का शुभारंभ करते हुए कहा कि सरकार जनता के टैक्स से चलती है, इसलिए उसके हर पैसे का सही उपयोग करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि समितियां किसी अधिनियम के तहत नहीं बल्कि संविधान की व्यवस्था के अंतर्गत कार्य करती हैं। विधान सभा की समितियां लोकतंत्र की रीढ़ है। जब समितियां मजबूत होंगी, तभी लोकतंत्र और अधिक सशक्त बनेगा।
महाना ने जनप्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे बैठकों में पूरी तैयारी के साथ आएं और जनता के हित में ठोस सुझाव दें। अधिकारियों की उम्र तय होती है, पर जनप्रतिनिधियों की नहीं, इसलिए हमें अपनी जिम्मेदारी निष्ठा से निभानी चाहिए।
सार्वजनिक उपक्रम एवं निगम संयुक्त समिति के सभापति मेजर सुनीलदत्त द्विवेदी ने कहा कि विधान सभा की कार्यप्रणाली ने देशभर में एक विशिष्ट पहचान बनाई है। स्थानीय निकायों की समिति के सभापति पंकज गुप्ता ने कहा कि वे प्रत्येक प्रकरण को गंभीरता से लेकर उसका निवारण सुनिश्चित करेंगे।
अनुसूचित जाति-जनजाति समिति के सभापति दीनानाथ भास्कर ने कहा कि वे वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए कार्य करेंगे, जबकि पंचायती राज समिति के सभापति प्रेम सागर पटेल ने गांव, गरीब और किसान के हितों को सशक्त बनाने की बात कही।

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