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    भव्यता, आस्था और आधुनिकता का संतुलित माडल बने अयोध्या का विकास: योगी, दिए कई महत्वपूर्ण निर्देश

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 05:30 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के विकास को भव्यता, आस्था और आधुनिकता का संतुलित मॉडल बनाने पर बल दिया है। उन्होंने अयोध्या को एक वैश्विक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों की समीक्षा की और समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने संतुलित विकास पर जोर दिया, जो अयोध्या की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को बनाए रखे।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। रामलला की नगरी अयोध्या का विकास भव्यता, आस्था और आधुनिकता के साथ किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या महायोजना 2031 से संबंधित प्रस्तावों की मंगलवार को समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि विकास कार्यों में अयोध्या की सांस्कृतिक पहचान, धार्मिक गरिमा और पर्यावरणीय संतुलन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।

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    उन्होंने कहा कि भव्यता, आस्था और आधुनिकता के समन्वित रूप में महायोजना का लक्ष्य अयोध्या को सुनियोजित, सुव्यवस्थित और सतत (सस्टेनेबल) विकास के साथ विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करना है।

    अयोध्या को भारत की आत्मा का प्रतीक बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या का विकास न केवल धार्मिक पर्यटन बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी प्रेरक उदाहरण बनने के साथ ही यह आने वाली पीढ़ियों के लिए आस्था, सौंदर्य और समृद्धि का संगम बने।

    महायोजना की खास बातें

    • वर्ष 2031 तक 24 लाख और 2047 तक 35 लाख आबादी को ध्यान में रखकर बनाई गई है योजना
    • योजना में 52.56 प्रतिशत भूमि आवासीय, 5.11 प्रतिशत वाणिज्यिक और 4.65 प्रतिशत है औद्योगिक
    • सार्वजनिक उपयोग के लिए 10.28 प्रतिशत, 12.20 प्रतिशत परिवहन और 14.31 प्रतिशत है हरित क्षेत्र
    • 8,594 करोड़ रुपये से 159 परियोजनाएं की जाएंगी क्रियान्वित, बस-ट्रक अड्डे व पार्किंग का होगा विकास


    मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या विज़न 2047 के तहत अयोध्या को ग्लोबल आध्यात्मिक नगरी, ज्ञान नगरी, उत्सव नगरी, तीर्थ अनुकूल अवसंरचना, विविधीकृत पर्यटन, ऐतिहासिक सर्किट व हेरिटेज वाक, हरित एवं सौर ऊर्जा आधारित नगरी के रूप में आधुनिक सुविधाओं के साथ प्रस्तुत किया जाए।

    बैठक में बताया गया कि अयोध्या महायोजना 2031 का उद्देश्य शहर को ग्लोबल स्पिरिचुअल एवं टूरिज़्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करना है। योजना के तहत अयोध्या विकास क्षेत्र को 18 जोन में विभाजित कर संतुलित भूमि उपयोग सुनिश्चित किया गया है।

    23.94 लाख की अनुमानित जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए 52.56 प्रतिशत भूमि आवासीय, 5.11 प्रतिशत वाणिज्यिक, 4.65 प्रतिशत औद्योगिक, 10.28 प्रतिशत सार्वजनिक उपयोग, 12.20 प्रतिशत परिवहन एवं 14.31 प्रतिशत हरित एवं खुले क्षेत्र के लिए नियोजित की गई है।

    मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मिश्रित तथा औद्योगिक भूमि को बढ़ाया जाए। इसी तरह पंचकोसी और 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर भी विविध गतिविधियों के लिए भूमि आरक्षित की जाए।

    वर्तमान में लगभग 11 लाख की आबादी वाले अयोध्या की जनसंख्या 2031 तक 24 लाख और 2047 तक 35 लाख तक पहुंचने का अनुमान है। इसको ध्यान में रखते हुए नए आवासीय टाउनशिप, भव्य प्रवेश द्वार, बहुस्तरीय पार्किंग, 84 कोसी परिक्रमा मार्ग, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस मार्ग, रिंग रोड, एयरपोर्ट, टेंपल म्यूज़ियम, सौर ऊर्जा संयंत्र, होटल व आधुनिक नागरिक सुविधाएं महायोजना का हिस्सा हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सभी परियोजनाएं अयोध्या को स्मार्ट, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाएंगी। अयोध्या विकास क्षेत्र में 159 निवेश परियोजनाएं स्वीकृत हैं। इनसे 8594 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या का सड़क, रेल और वायु मार्ग से बेहतर संपर्क है। यातायात और आतिथ्य क्षेत्र (हास्पिटैलिटी सेक्टर) के आधुनिकीकरण से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को विश्वस्तरीय सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि लखनऊ, प्रयागराज, गोंडा और अंबेडकर नगर मार्ग की ओर बस और ट्रक अड्डों सहित पार्किंग का विकास किया जाए।

    मुख्यमंत्री ने महायोजना के तहत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए भूमि आरक्षित करने के निर्देश देते हुए कहा कि इनमें नवाचारों को बढ़ावा देते हुए यथासंभव देसी माडल अपनाएं।

    अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी परियोजनाएं पर्यावरणीय दृष्टि से सस्टेनेबल हो तथा सरयू नदी के तट और हरित पट्टियों का संरक्षण सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने अनियोजित प्लाटिंग व बसावट पर भी कड़ाई से अंकुश लगाने के निर्देश दिए।

    मुख्यमंत्री ने यह भी दिए निर्देश

    • परियोजनाएं पर्यावरणीय दृष्टि से सस्टेनेबल हों, सरयू तट और हरित पट्टियों का संरक्षण सुनिश्चित किया जाए
    • सीवरेज ट्रीटमेंट व सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए नवाचारों को बढ़ावा देते यथासंभव अपनाएं जाएं देसी माडल
    • पंचकोसी और 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर भी विविध गतिविधियों के लिए भूमि आरक्षित की जाए
    • अयोध्या में बहुमुखी विकास को देखते हुए की जा रही अनियोजित प्लाटिंग और बसावट पर रोक लगाएं