Nepal Protest: नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति, सेना ने बढ़ाई चौकसी
नेपाल के सीमावर्ती जिलों में पिछले तीन दिनों से जारी तनाव अब थम गया है। कर्फ्यू लगने से लोग घरों में दुबके रहे और सेना की निगरानी जारी है। रूपन्देही नवलपरसी और कपिलवस्तु में शांति बनी हुई है। सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है और केवल फंसे हुए लोगों को ही आने-जाने की अनुमति है। मालवाहक वाहनों की आवाजाही पर रोक से सीमा पर लम्बी कतारें लग गयी है।

जागरण टीम, महराजगंज/ सिद्धार्थनगर। नेपाल के सीमावर्ती जिलों में पिछले तीन दिनों से जारी तनाव गुरुवार को थम गया। पूरे क्षेत्र में कर्फ्यू लागू होने के कारण लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल सके। चप्पे-चप्पे पर सेना के जवान तैनात हैं, और बख्तरबंद वाहनों से निगरानी की जा रही है। इससे रूपन्देही, नवलपरसी और कपिलवस्तु जिलों में शांति बनी रही है। किसी भी प्रकार की हिंसक घटना की सूचना नहीं मिली है।
लोगों के घरों में रहने के कारण सड़कों पर सन्नाटा छाया रहा, केवल सेना के वाहनों के सायरन की आवाज सुनाई देती रही। नेपाल में हालात को देखते हुए सोनौली, ठूठीबारी, बढनी, खुनुवा और ककरहवा सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। केवल उन लोगों को सीमा पार करने की अनुमति दी जा रही है जो दोनों देशों में फंसे हुए हैं। मालवाहक वाहनों को लगातार चौथे दिन नेपाल जाने की अनुमति नहीं दी गई, जिसके कारण सीमा पर आठ किलोमीटर लंबी कतार लग गई है।
इससे पहले, मंगलवार को नेपाल की तराई में हुए हिंसक प्रदर्शनों ने पूरे क्षेत्र को अशांत कर दिया था। जगह-जगह तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं ने लोगों को भयभीत कर दिया। भैरहवा के मेयर सहित कई जनप्रतिनिधियों के घरों में आग लगा दी गई थी। नवलपरासी जिला जेल तोड़कर लगभग 500 कैदियों के भाग जाने से अराजकता की स्थिति और बढ़ गई थी।
वहां जेन जी आंदोलनकारियों द्वारा लगातार विरोध-प्रदर्शन, सड़कों पर जाम, आगजनी और पथराव की घटनाएं हो रही थीं। इन घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया। इस दौरान दुकानें, बाजार, शैक्षणिक संस्थान और निजी प्रतिष्ठान बंद रहे। सड़कों पर सन्नाटा छाया रहा, केवल आपातकालीन सेवाओं को छूट दी गई।
नवलपरासी और कपिलवस्तु जिलों में भी पूरे दिन शांति बनी रही। सेना के जवानों ने फ्लैग मार्च निकालकर लोगों से शांति पूर्वक अपने घरों में रहने की अपील की। सेना द्वारा जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया है कि आंदोलन की आड़ में कुछ असामाजिक तत्व अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे रोकने के लिए सेना प्रतिबद्ध है।
नागरिकों से सहयोग की अपील की गई है। सोनौली सीमा पर पूरी तरह से अलर्ट है। प्रशासन ने भारतीय नागरिकों और पर्यटकों को सलाह दी है कि वे अनावश्यक रूप से नेपाल की ओर यात्रा न करें और स्थानीय प्रशासन या दूतावास से संपर्क में रहें।
भैरहवा बाजार में सड़क पर खड़ा सेना के जवान। जागरण
रूपन्देही के मुख्य जिलाधिकारी टोकराज पांडेय ने बताया कि जिले में पूरी तरह से शांति है और कहीं से भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। भारतीय पर्यटकों की सुरक्षित वापसी के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
नेपाल में बिगड़ते हालात को देखते हुए भारतीय सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। फंसे सभी भारतीय पर्यटकों की सुरक्षित वापसी के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सोनौली बार्डर पर एसएसबी और पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है, और पगड़डियों पर भी कड़ी निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। -संतोष कुमार शर्मा, डीएम, महराजगंज
आंदोलन के बीच फंसे पर्यटकों की भारत वापसी शुरू, लोगों को मिली राहत
नेपाल के विभिन्न हिस्सों में पिछले चार दिनों से फंसे लगभग पांच हजार पर्यटक अब धीरे-धीरे सोनौली सीमा के माध्यम से भारत लौट रहे हैं। इनकी सुरक्षित वापसी के लिए स्थानीय प्रशासन नेपाल के साथ संपर्क में है। काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास से पल-पल की जानकारी ली जा रही है। काठमांडू, पोखरा, लुंबिनी और मनांग जैसे क्षेत्रों में सेना की तैनाती से स्थानीय लोगों में भय का माहौल है।
भारतीय पर्यटक, जो नेपाल भ्रमण पर गए थे, आंदोलन के कारण बंद रास्तों के चलते होटल और गेस्ट हाउस में फंसे हुए थे। मंगलवार से उनकी वापसी की प्रक्रिया शुरू हुई। सोनौली बार्डर पर गुरुवार को सुबह से लंबी कतारें देखी गईं। एसएसबी द्वारा सोनौली सीमा पर आ रहे भारतीय पर्यटकों और उनके वाहनों की जांच के बाद प्रवेश की अनुमति दी जा रही है।
नेपाली नागरिकों और उनके वाहनों, साथ ही मोटरसाइकिल और रिक्शा को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है। महराजगंज जिला प्रशासन, पुलिस और एसएसबी द्वारा सीमा पर सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है।
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