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    सोनौली सीमा के रास्ते कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर गए सद्गुरु जग्गी वासुदेव, किया गया भव्य स्वागत

    Updated: Sun, 10 Aug 2025 08:13 AM (IST)

    ईशा फाउंडेशन के संस्थापक जग्गी वासुदेव अपने अनुयायियों के साथ सोनौली सीमा से कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर बाइक से रवाना हुए। सीमा पर उनका भव्य स्वागत किया गया। उन्हें नेपाल पुलिस की सुरक्षा में भैरहवा के एक रिजॉर्ट में ठहराया गया। सद्गुरु 29 दिनों की इस यात्रा के लिए निकले हैं जहाँ वे सड़क मार्ग से होते हुए कैलाश मानसरोवर पहुंचेंगे।

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    नेपाल के बेलहिया पुलिस चौकी के सामने ईशा फाउंडेशन के सतगुरु जग्गी वासुदेव का स्वागत करते हिंदू संगठन के पदाधिकारी।-जागरण

    जागरण संवाददाता, (सोनौली) महराजगंज। तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित ईशा फाउंडेशन के संस्थापक व आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव शनिवार को अपने अनुयायियों के साथ बाइक से सोनौली सीमा के रास्ते कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए रवाना हुए।

    सोनौली सीमा पर सद्गुरु की संस्था से जुड़े रवि पारिख, विजय लक्ष्मी शर्मा, शंकर पुरी, रितेश जायसवाल, विष्णु माया खड़का, रंजू केसी सहित बड़ी संख्या में लोगों ने पुष्पमाला पहना कर स्वागत किया। इसके बाद वह नेपाल पुलिस की सुरक्षा मेंभैरहवा स्थित टाइगर रिजार्ट गए। जहां उनको रात्रि विश्राम करना है।

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    वहां से सुबह बाइक से ही मानसरोवर के लिए रविवार की सुबह प्रस्थान करेंगे। सोनौली के रास्ते 29 दिन का भंसार करा कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर गए जग्गी वासुदेव को सद्गुरु के नाम से भी जाना जाता है। सद्गुरु एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु, लेखक, और वक्ता हैं। वर्ष 2017 में उन्हें पद्म विभूषण सम्मान दिया गया था।

    सद्गुरु ने 100 से अधिक पुस्तकों को आठ भाषाओं में लिखा है। वह तमिलनाडु से लखनऊ तक हवाई मार्ग से आए। वहां से सद्गुरु बाइक से सड़क मार्ग से गोरखपुर होते हुए सोनौली सीमा पर पहुंचे।

    यहां से नेपाल के रास्ते बाइक से कैलाश मानसरोवर की यात्रा की तरफ रवाना हुए। सोनौली थानाध्यक्ष अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि सद्गुरु को प्रोटोकाल के तहत सुरक्षा के साथ नेपाल प्रवेश कराया गया है।