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    फरार हुए सात कैदियों को पुन: भेजा गया जेल, भारत-नेपाल सीमा पर बढ़ी चौकसी

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 10:46 AM (IST)

    नेपाल में जेन-जी आंदोलन के दौरान जेलों से भागे सात कैदियों को रूपन्देही पुलिस ने गिरफ्तार किया है जिनमें छह विदेशी नागरिक हैं। ये कैदी चितवन नवलपरासी और काठमांडू की जेलों से भागे थे। पुलिस ने भारत-नेपाल सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है। सिद्धार्थ उद्योग वाणिज्य संघ ने व्यापारियों से कारोबार शुरू करने की अपील की है।

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    भारत व तंजानिया के रहने वाले हैं छह कैदी

    जागरण संवाददाता, भैरहवा, (नेपाल)।  नेपाल में हाल ही में हुए जेन-जी आंदोलन के दौरान विभिन्न जेलों से फरार हुए सात कैदियों को रूपन्देही पुलिस ने पकड़ा है । इनमें छह विदेशी नागरिक शामिल हैं। पुलिस ने यह कार्रवाई नेपाल-भारत सीमा क्षेत्र में सघन निगरानी के तहत की है।

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    रूपन्देही जिला पुलिस कार्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इन कैदियों को भारत की एसएसबी, जिला पुलिस कार्यालय एवं उससे संबंधित विभिन्न इकाइयों की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया। सभी को पुन: जेल भेज दिया गया है।

    कैदी जेन-जी आंदोलन के दौरान जेलों में हुई तोड़फोड़ और आगजनी का फायदा उठाकर फरार हुए थे। पुलिस उपाधीक्षक सूरज कार्की ने बताया कि गिरफ्तार किए गए कैदी चितवन, नवलपरासी और काठमांडू की केंद्रीय जेल से भागे थे।

    चितवन जेल से भागे कैदियों में भारत के हरियाणा निवासी अब्बास खान , उत्तर प्रदेश के अनिल गिरी, राजपाल सिंह और मोनू कश्यप शामिल हैं। ये सभी भारत में प्रवेश की कोशिश करते वक्त भारतीय एसएसबी द्वारा पकड़े गए। जिन्हें एसएसबी ने नेपाल पुलिस को सौंप दिया।

    इसके अलावा, नवलपरासी जेल से भागी रुपन्देही निवासी करिश्मा राना और काठमांडू की केंद्रीय जेल से फरार तंजानिया के रामधनी सिम्बा मुवंबई तथा त्वालिब किपेभु पाशुआ को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

    कार्की ने बताया कि सभी गिरफ्तार कैदियों को आगे की जांच और कानूनी प्रक्रिया के लिए संबंधित अधिकारियों को सौंप दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत-नेपाल सीमा पर विशेष चौकसी बरती जा रही है, ताकि अन्य फरार कैदी सीमा पार न कर सकें।

    पुलिस ने मुख्य सीमाओं के अलावा पगड़डी पर भी निगरानी बढ़ा दी है। नेपाली प्रशासन ने भारतीय पक्ष से भी सहयोग की अपील की है। जिला प्रशासन कार्यालय ने शुक्रवार दोपहर कर्फ्यू को आंशिक रूप से हटा दिया है। प्रशासन ने बताया है कि रात 10 बजे तक निषेधाज्ञा लागू रहेगी और उसके बाद सुबह छह बजे तक कर्फ्यू प्रभावी रहेगा।

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    उद्योग-धंधे फिर शुरू करने की अपील:

    जेन-जी आंदोलन के कारण बंद पड़े उद्योग-धंधों को लेकर अब कारोबारी जगत सक्रिय हो गया है। सिद्धार्थ उद्योग वाणिज्य संघ, रूपन्देही ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति जारी कर उद्योगपतियों और व्यापारियों से अपने-अपने कारोबार फिर से शुरू करने का आग्रह किया है।

    संघ के अध्यक्ष नेत्र प्रसाद आचार्य ने कहा कि नेपाल के बड़े त्योहार नजदीक हैं। यदि बाजार चालू नहीं हुआ तो उपभोक्ताओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक गतिविधियों को सुचारू करने के लिए बाजार खोलना अत्यावश्यक है।

    संघ ने आंदोलन के दौरान हुई हिंसा, तोड़फोड़ और लूटपाट पर गहरा दुःख जताया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने आंदोलन को अपने निजी स्वार्थों के लिए बदनाम करने की कोशिश की है। संघ ने ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए आंदोलन को शांतिपूर्ण बनाए रखने का आह्वान किया है।