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    महाराजगंज में पांच माह में सिर्फ 16 प्रतिशत उपभोक्ताओं के घर लगे स्मार्ट मीटर, बिजली चोरी पर नहीं लग रही रोक

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 07:08 PM (IST)

    महाराजगंज में स्मार्ट मीटर लगाने का काम धीमी गति से चल रहा है। पांच महीने में केवल 16% उपभोक्ताओं के घर ही स्मार्ट मीटर लग पाए हैं, जिससे बिजली चोरी रोकने का लक्ष्य अधूरा है। स्मार्ट मीटर लगने से बिजली चोरी पर लगाम कसने की उम्मीद थी, लेकिन धीमी प्रगति के कारण यह प्रयास सफल नहीं हो पा रहा है। उपभोक्ताओं में जागरूकता की कमी भी एक बड़ी समस्या है।

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    स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य सुस्त।

    जागरण संवाददाता, महराजगंज। बिजली चोरी और गलत मीटर रीडिंग को रोकने के लिए स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। बावजूद यहां न तो स्मार्ट मीटर लगाने में तेजी दिख रही है और न ही बिजली चोरी पर अंकुश लग पा रहा है। मीटर लगाने की गति काफी सुस्त है। अभी तक सिर्फ 16 प्रतिशत उपभोक्ताओं के घर ही मीटर लगाए जा सके हैं। विभागीय अधिकारियों की तरफ से नियमित मॉनिटरिंग नहीं होने से समस्या और बढ़ती जा रही है।

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    जिले में तीन लाख सैंतालिस हजार पांच सौ चौवन उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। इसके लिए मैसर्स जीनस पावर, नोएडा की कंपनी कार्य कर रही है। दिसंबर 2024 में शुरू होकर मार्च 2026 तक कार्य पूर्ण कर लेना था। बावजूद लापरवाही के कारण इस कार्य का शुभारंभ जून 2025 में हुआ।

    ऐसे में अभी तक 57 हजार उपभोक्ताओं के घर ही स्मार्ट मीटर लग सके। उधर पश्चिमांचल क्षेत्रों गजियाबाद, मेरठ, नोएडा, सहारनपुर आदि शहरों में स्मार्ट मीटर लगाने में गड़बड़ी पकड़ी जाने पर पूरे प्रदेश में एक माह तक मीटर लगाने के कार्य पर रोक लगा दी गई थी। इस दरम्यान पावर कॉरपोरेशन की तरफ से सभी मीटरों की जांच कराई जाती रही।

    पुराने मीटर की रीडिंग और कर्मचारी द्वारा स्मार्ट मीटर में भरे गए रीडिंग का मिलान कर उसे जमा कराया जाता रहा। ऐसे में जहां कार्य ठप रहा, वहीं चोरी का खेल भी चलता रहा। जिस पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।

    विद्युत वितरण मंडल महराजगंज के अधीक्षण अभियंता वाईपी सिंह ने बताया कि मीटर लगाने के कार्य पर लगी रोक बीते दिनों पूर्व हट गई है। कंपनी की तरफ से मीटर लगाए जा रहे हैं। वर्तमान में 14 फीडरों को चिन्हित किया गया है, जहां मीटर लगाने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।