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    खाद बांटने के दौरान पुलिसकर्मी ने भांजी लाठी, UP के इस जिले में भगदड़ से चार किसान घायल

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 05:02 PM (IST)

    यूपी में खाद वितरण के दौरान पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करने से भगदड़ मच गई, जिसमें चार किसान घायल हो गए। खाद बांटने के समय भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने यह कदम उठाया। घटना के बाद किसानों में आक्रोश है और वे पुलिस कार्रवाई की निंदा कर रहे हैं। उच्च अधिकारियों ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

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    संवाद सूत्र, पनवाड़ी। जिले में तमाम दावों के बाद भी खाद की समस्या हर ओर दिखाई दे रही है। शनिवार को पनवाड़ी ब्लाक के ग्राम नैपुरा स्थित समिति में सुबह से ही किसान खाद के लिए एकत्र होने लगे थे। किसानों की अधिक भीड़ के चलते मौके पर पुलिस पहुंची।

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    बताया गया है कि भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए एक पुलिस कर्मी ने हवा में लाठी भांजी तो अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान चार किसान घायल हो गए। इन्हें स्वास्थ्य केंद्र पनवाड़ी लाया गया। लाठी भांजने का वीडियो इंटरनेट मीडिया में भी जमकर प्रचलित हुआ।

    क्या बोले किसान?

    किसानों का कहना है कि वे लाइन में लगे थे। तभी पुलिस कर्मी ने बुलाया और अकारण लाठी मारना शुरू कर दिया। उधर एसडीएम कुलपहाड़ डा. प्रदीप कुमार का कहना है कि धक्का मुक्की में किसान घायल हुए है। भ्रामक अफवाह फैलाई जा रही है। भगदड़ व लाठी भांजने जैसी कोई घटना नहीं हुई है।


    ब्लाक पनवाड़ी के नैपुरा गांव में कोटरा समिति से खाद का वितरण किया जा रहा था। बताया गया है कि किसान सुबह पांच बजे से ही यहां खाद के लिए पहुंचे थे। जैसे-जैसे समय बढ़ता गया और किसानों की संख्या भी बढ़ती गई। भीड़ अधिक होने की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। उन्होंने स्थिति को नियंत्रित करते हुए खाद का वितरण शुरू कराया। किसानों के मुताबिक तभी एक पुलिस कर्मी ने हवा में लाठी भांजी और किसानों में अफरा-तफरी मच गई।

    पुलिसवाले चलाने लगे लाठियां

    इसमें सतौरा गांव निवासी 28 वर्षीय दीपचंद व 43 वर्षीय बालादीन, नैपुरा गांव निवासी 46 वर्षीय आकेंद्र, 45 वर्षीय मुन्ना घायल हो गए। उनके सिर व हाथ पैर में चोटें आई। किसान दीपचंद्र ने बताया कि वे अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे, तभी वहां तैनात एक पुलिसकर्मी ने अव्यवस्था फैलाने का आरोप लगाते हुए हवा में लाठी भांज दी। लाठी लगने से किसान घायल हुए। किसानों का आरोप है कि सुबह से लाइन में लगने के बाद भी उन्हें खाद नहीं मिली और ऊपर से लाठी भी खानी पड़ी। उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पनवाड़ी में भर्ती कराया गया है। घटना को लेकर अफरा-तफरी मची रही।

    नैपुरा समिति में खाद का वितरण किया जा रहा था। 500 बोरी खाद उपलब्ध कराई गई थी। किसानों को खाद का वितरण सही से हो इसके लिए राजस्व कर्मियों को भी लगाया गया था। जिसमें टोकन व्यवस्था की जा रही थी। किसान लाइन में लगे थे।

    भगदड़ जैसी कोई बात नहीं हुई। एक दो किसान धक्का मुक्की से घायल हो गए थे। जिनका प्राथमिक उपचार किया गया है। मेडिकल रिपोर्ट आ गई है। पुलिस पर लगाए गए आरोप निराधार है, किसी तरह की भगदड़ नहीं हुई है, यह गलत और भ्रामक अफवाह फैलाई जा रही है।
    - डा. प्रदीप कुमार, उपजिलाधिकारी कुलपहाड़।

    खरीफ एवं रबी अभियान के तहत अब तक 878 मीट्रिक टन यूरिया, 2676 मीट्रिक टन डीएपी एवं 196 मीट्रिक टन एनपीके का वितरण समितियों से हो चुका है। पीसीएफ बफर गोदाम में सामान्य स्टाक यूरिया 1802 मीट्रिक टन, डीएपी 1157 मीट्रिक टन एवं एनपीके 119 मीट्रिक टन उपलब्ध है। आरटीजीएस के सापेक्ष आवंटन के अनुसार पीसीएफ से नियमित रूप से वितरण किया जा रहा है। 52 सहकारी बिक्री केंद्रों पर भी यूरिया 313, डीएपी 714 व एनपीके 40 मीट्रिक टन 10 अक्टूबर का प्रारंभिक अवशेष है।

    प्रत्येक समिति पर लेखपाल को संबंधित एसडीएम ने उर्वरक वितरण के लिए नामित किया है। सभी किसानों को खाद दी जा रही है। कुछ किसान जिन्हें टोकन नहीं मिला या फिर केवल आधार से ही खाद लेना चाहते है। वह विवाद की स्थिति पैदा करते है। आधारकार्ड एवं खतौनी के अनुसार पीओएस मशीन के माध्यम से वितरण किया जा रहा है। किसान आधार व खतौनी की फोटो कापी ले जाकर खाद प्राप्त कर सकते है।
    - विनय तिवारी, सहायक निबंधक सहकारिता।