यूपी के इस जिले में अपार आईडी बनाने में पिछड़े मदरसे, केवल इतने बच्चों का ही हो सका रजिस्ट्रेशन
उत्तर प्रदेश के एक जिले में मदरसों द्वारा अपार आईडी बनाने की प्रक्रिया धीमी गति से चल रही है, जिससे शिक्षा विभाग चिंतित है। मदरसों में अभी तक केवल कुछ ही छात्रों का अपार आईडी के लिए पंजीकरण हो पाया है, जिसके कारण शिक्षा विभाग ने इस प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए हैं।

60 प्रतिशत छात्र अभी भी इस महत्वाकांक्षी योजना से बाहर। प्रतीकात्मक
जासं, मैनपुरी । जिले के मदरसों में छात्रों की अपार (आटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) आईडी बनाने की प्रक्रिया बेहद सुस्त रफ्तार से चल रही है। स्थिति यह है कि जिले में संचालित 18 मदरसों में 742 छात्र पंजीकृत हैं जिनमे से अब तक मात्र 40 प्रतिशत छात्रों की ही आईडी बन पाई है। शेष 60 प्रतिशत छात्र अभी भी इस महत्वाकांक्षी योजना से बाहर हैं, जिससे उनकी शैक्षणिक पहचान और सरकारी योजनाओं का लाभ प्रभावित हो सकता है।
शासन द्वारा सभी छात्रों के लिए अपार आईडी अनिवार्य किए जाने के बाद भी मदरसों में तकनीकी तैयारी, डाटा अपडेशन और आवश्यक दस्तावेज फीडिंग की प्रक्रिया सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है। लगातार बढ़ती देरी को गंभीरता से लेते हुए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने मदरसा संचालकों को नोटिस भेजते हुए जल्द से जल्द अपार आईडी बनाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि पंजीकरण कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि अपार आईडी से छात्रों का पूरा शैक्षिक रिकार्ड डिजिटल रूप में सुरक्षित रहेगा, जो भविष्य में छात्रवृत्ति, प्रतियोगी परीक्षाओं और उच्च शिक्षा में सहायक सिद्ध होगा। सभी मदरसों को एक सप्ताह के भीतर आईडी पंजीकरण कार्य शत-प्रतिशत पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
जिले में संचालित मदरसा संचालकों को जल्द से जल्द अपार आईडी बनाने के निर्देश दिए गए हैं। जो भी संचालक इस कार्य में लापरवाही बरत रहे हैं। उन्हें नोटिस भेजा गया है। अगर लापरवाही बरती गई तो कार्रवाई की जाएगी। - रंजना शुक्ला, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी
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