Operation Sindoor: ग्रुप कैप्टन दीपक चौहान को मिलेगा गैलेंट्री अवार्ड, मैनपुरी में जश्न का माहौल
पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर मैनपुरी के दीपक चौहान समेत 26 वायु सैनिकों को गैलेंट्री अवार्ड देने की घोषणा की। दीपक को यह सम्मान ऑपरेशन सिंदूर में रफाल विमान के साथ पाकिस्तान की चौकियों को ध्वस्त करने के लिए दिया जा रहा है। पहलगाम हमले के बाद भारत ने यह ऑपरेशन शुरू किया था जिसमें दीपक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मैनपुरी में खुशी की लहर है।

जागरण संवाददाता, मैनपुरी। पहलगाम हमले के जवाब में भारत सरकार के ''ऑपरेशन सिंदूर'' में अपने शौर्य और पराक्रम से पाकिस्ताान को घुटनों पर लाने वाले वायु सैनिकों को सम्मानित किया जाएगा। स्वतंत्रता दिवस की 79वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 26 वायु सैनिकों को गैलेंट्री अवार्ड (वायु सेना मेडल) से सम्मानित किए जाने की घोषणा की।
इन शूरवीरों में नगर के देवपुरा निवासी ग्रुप कैप्टन दीपक चौहान का नाम भी शामिल है। रफाल के साथ पाकिस्तान के अंदर घुसकर उन्होंने दुश्मन देश की कई चौकियों और पोस्ट को तबाह कर दिया था।
पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 26 वायु सैनिकों के नाम की घोषणा की
पाकिस्तान से आए आतंकियों ने पहलगाम हमले में बेकसूर सैलानियों की निर्मम हत्या कर पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। दुनिया भर में इस हमले की निंदा हुई थी। पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देने के लिए भारत सरकार के साथ तीनों सेनाओं ने अपनी रणनीति तैयार की थी और ''आपरेशन सिंदूर'' के माध्यम से युद्ध का ऐलान कर दिया था।
दीपक ने रफाल के साथ पाकिस्तान की चौकियों को किया था ध्वस्त
भारतीय वायु सेना के जांबाज वायु सैनिकों को हवाई हमले की कमान सौंपी गई। इनमें 26 वायु सैनिकों को फाइटर जेट और रफाल का जिम्मा दिया गया था। 26 सैनिकों में मैनपुरी के मुहल्ला देवपुरा निवासी दीपक चौहान भी शामिल थे। उन्होंने दुश्मन देश की सीमा के अंदर घुसकर उनके रडार सिस्टम को ध्वस्त करने के साथ कई चौकियों को तबाह कर दिया था।
वर्तमान में दीपक यहां पर हैं तैनात
दीपक वर्तमान में हैदराबाद के सिकंदराबाद बेस पर ग्रुप कैप्टन के पद पर तैनात हैं। स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सेना की वीरगाथा का बखान किया। वायु सेना के 26 जांबाज वायु सैनिकों को गैलंट्री अवार्ड दिए जाने के लिए उनके नाम की घोषणा की। दीपक चौहान को गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित किए जाने की खबर से मैनपुरी गौरवान्वित है।
रफाल लेकर पहली बार भारत आए थे दीपक
दीपक का नाम उस समय चर्चा में आया था जब वे रफाल की पहली खेप लेने के लिए भारत सरकार की ओर से ग्रुप कैप्टन और टीम लीडर बनकर गए थे। रफाल के साथ भारत पहुंचने पर उनकी टीम की फोटो सार्वजनिक हुई थीं।
हर्षाया है स्वजन का मन
दीपक के पिता दुखहरण सिंह चौहान और मां कमलेश चौहान ने पुत्र की उपलब्धि टेलीविजन पर देखी। भाई दिलीप चौहान (उपमंडल अधिकारी बीएसएनएल) ने बताया कि वर्ष 2007 में कमीशन से अधिकारी बने थे। तब से अलग-अलग पदों पर वायु सेना में अपनी सेवा दे रहे हैं।
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