यमुना स्नान को 'सूरदास' भी आए! अलौकिक छवि से हर्षाए; यम द्वितीया पर अद्भुत भक्ति का प्रदर्शन
मथुरा से एक अनोखी कहानी सामने आई है। बिहार के कृष्ण भक्त मुरलीधर पांडे, जो नेत्रहीन हैं, अपनी बहन के साथ यम द्वितीया पर यमुना स्नान के लिए पहुंचे। उनका मानना है कि संसार को देखने के लिए केवल आंखें ही काफी नहीं हैं, बल्कि आध्यात्मिक शक्ति से भी सब कुछ संभव है। वे दिल्ली में कार्यरत हैं और यमुना में डुबकी लगाने के लिए उत्सुक हैं।

जागरण संवाददाता, मथुरा। तिहारो दरस मोहे भावे श्रीयमुनाजी श्री गोकुल के निकट बहत हो, लहरन की छवि आवे, आंखों में रोशनी भले न हो, लेकिन मन में श्रीकृष्ण और यमुनाजी की भक्ति के प्रतिबिंब स्पष्ट हैं। संसार में दिखाई भले कुछ न देता हो, लेकिन भगवान के तेजोमय स्वरूप हृदय में प्रकाशमान है।
ऐसे आधुनिक सूरदास और कोई नहीं, बिहार के कृष्ण भक्त मुरलीधर पांडे हैं, जो पहली बार अपनी बहन के साथ यम द्वितीया पर यमुना स्थान के लिए आए। वह कहते हैं कि संसार देखने के लिए आंखें ही सब कुछ नहीं होतीं, आध्यात्मिक शक्ति से सब कुछ संभव है।
बिहार के मूल निवासी मुरलीधर पांडे ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए और एमए किया। अब दिल्ली में ही फारेन एक्सपोर्ट करने वाली गारमेंट कंपनी में कार्यरत हैं। आंखों से नेत्रहीन हैं, लेकिन यम द्वितीया पर अपने परिवार के साथ मथुरा पहुंचे।
यमुना के विश्राम घाट के समीप मुरलीधर अपने बेटे के साथ बैठे किसी का इंतजार कर रहे थे। उनकी बहन अपनी ससुराल गाजीपुर से यहां आ रही है। इस समय वह वृंदावन आकर पूजा अर्चना कर रही हैं, उसके बाद यहां आएगी और दोनों भाई बहन एक साथ यमुना में डुबकी लगाएंगे।

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