Chhath 2025: कब से शुरू होगा छठ पूजा पर्व, पूर्वांचल समिति कान्हा की नगरी में तैयारियों में जुटी
मथुरा में पूर्वांचल समिति छठ महापर्व की तैयारियों में जुट गई है। समिति ने अड्डा घाट का निरीक्षण किया और बताया कि 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक यह पर्व मनाया जाएगा। इस दौरान घाट की सफाई रोशनी की व्यवस्था की जाएगी। यह पर्व स्वच्छता और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है जिसमें नहाय-खाय खरना और सूर्य को अर्घ्य देने जैसे अनुष्ठान शामिल हैं।

जागरण संवाददाता, मथुरा। पूर्वांचल समिति, मथुरा ने छठ महापर्व की तैयारियां तेज कर दी हैं। समिति ने अड्डा घाट, सिविल लाइंस का निरीक्षण किया। 25 अक्टूबर से पर्व शुरू होगा।
समिति अध्यक्ष बीएस शर्मा ने बताया कि इस वर्ष छठ महापर्व 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। 25 अक्टूबर को नहाय-खाय, 26 अक्टूबर को खरना होगा। 27 अक्टूबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। 28 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद इस महापर्व की समाप्ति होगी। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर समिति द्वारा अड्डा-घाट पर साफ-सफाई व रोशनी की व्यवस्था की जाएगी।
पूर्वांचल समिति, मथुरा ने अड्डा घाट का किया निरीक्षण
सचिव रमेश सिंह ने बताया कि यह पर्व स्वच्छता व प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है।
- उन्होंने बताया कि समिति के स्वयंसेवकों द्वारा घाट की साफ-सफाई, लाइटिंग की व्यवस्था कराई जाएगी। इस काम में नगर निगम व छावनी परिषद का भी सहयोग लिया जाएगा।
- कोषाध्यक्ष योगेंद्र सिंह ने बताया कि इस पर्व के पहले दिन नहाय-खाय के रूप में मनाया जाता है।
- इस दिन व्रती पूजा-पाठ करके स्वच्छता के साथ बनी चने की दाल, घी में बनी घीया की सब्जी, चावल खाते हैं।
- दूसरे दिन खरना पर दिन भर उपवास के बाद संध्या को पूजनोपरांत गुड़ में बनी खीर (जाऊर) को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।
- इसके बाद 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरुआत होती है।
- तीसरे दिन शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और चौथे दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हीं इस चार दिवसीय महापर्व का समापन हो जाता है।
- यह पर्व स्वच्छता व प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का है प्रतीक
पूर्वांचल समिति के उपाध्यक्ष एड. एसपीएन सिंह ने बताया कि प्रसाद में सभी प्रकार के फल, गन्ना, ठेकुआ, कचवानिया चढ़ाया जाता है। पूर्वांचल समिति के सांस्कृतिक मंत्री जयराम सिंह यादव ने बताया कि इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। समिति द्वारा लगाई गई विसर्जन पात्र में एकत्रित पूजा सामग्रियों का निस्तारण व पौधारोपण किया।
अड्डा घाट के निरीक्षण के दौरान डीएल शाह गुप्ता, ब्रजेश चौधरी, राजपति यादव, राम लखन साहनी, चंदन पांडेय, श्रीदास प्रजापति, अशोक सिंह, किशोर कुमार मौजूद रहे।
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