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    Sanatan Ekta Padyatra: सभी ब्रजवासियों के चरणों में नाक रगड़कर दंडवत प्रणाम... धीरेंद्र शास्त्री के इस अंदाज पर खूब लगे जयकारे

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 07:31 AM (IST)

    सनातन एकता पदयात्रा एक विशाल जन आंदोलन है, जिसमें सड़कों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। यह पदयात्रा सनातन धर्म के अनुयायियों को एकजुट करने और धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने का एक प्रयास है। इस पदयात्रा में देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु भाग ले रहे हैं और सामाजिक समरसता का संदेश दे रहे हैं।

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    सनातन हिंदू एकता पदयात्रा में सड़क पर भाेजन करते धीरेंद्र शास्त्री व अन्य संत।

    विनीत मिश्र, जागरण, मथुरा। धर्म क्या है। आस्था क्या है। विश्वास क्या है। इन सवालों के जवाब कान्हा की नगरी में सड़कों पर उमड़े जनज्वार को देख स्वत: मिल जाते हैं। धर्म की डोर से बंधे लाखों श्रद्धालु आस्था की यात्रा पर निकल पड़े हैं। विश्वास से पग बढ़ रहे हैं। दिल्ली के छतरपुर से चली सनातन हिंदू एकता पदयात्रा को कान्हा की नगरी में जो प्यार और दुलार मिला, उसने कई बहुत सारे मिथक तोड़ दिए।

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    29 वर्ष के युवा संत के एक आह्वान पर सड़कों पर जो जनज्वार उमड़ा, वह अपार श्रद्धा की गवाही दे रहा है। सड़कों पर गूंजते जयकारों ने सनातनी एकता की नई कहानी गढ़ी है। रविवार को भव्य समारोह में समापन होगा। ठाकुर बांकेबिहारी को धर्मध्वजा अर्पित होगी। 150 किमी चली यात्रा का समापन भी इतना भव्य कि राजनेता और फिल्मी सितारों से सजे मंच पर नामी संत-महंत की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी।

    sanatan padyatra

     

    29 वर्ष के युवा संत ने धर्म की डोर में बांध दिए सनातनी

     

    सात नवंबर को सनातनियों को एकता के सूत्र में पिरोने का संकल्प लेकर निकली पदयात्रा ने 13 नवंबर को कान्हा की धरा पर प्रवेश किया। यह यात्रा के प्रति उत्साह ही है कि कदम-कदम पर भीड़ बढ़ती गई। शुक्रवार शाम आगरा-दिल्ली हाईवे पर छाता के निकट गुप्ता रेजिडेंसी में यात्रा ने विश्राम किया। शनिवार सुबह करीब दस बजे यात्रा आगे बढ़ी तो इससे पहले सभा हुई। पहले सनातन एकता, गोमाता की रक्षा, यमुना शुद्धिकरण, ब्रज को मांस-मदिरा से मुक्ति के साथ श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनाने की शपथ दिलाई। फिर बोले, रविवार को वृंदावन धाम में नया उद्घोष होगा, ब्रज को मांस मदिरा से मुक्त कैसे बनाएं। ब्रज क्षेत्र में मांस-मदिरा नहीं चलेगी।

     

    आज भव्य समारोह के बीच होगा पदयात्रा का समापन

     

    कथावाचक जया किशोरी, चिदानंद मुनि भी मंच पर पहुंचे। जब सड़कों पर यात्रा अगले पड़ाव के लिए बढ़ी तो नजारा देखने लायक था। अरे हिंदुओं जागो रे..जो राम का नहीं, वह किसी काम नहीं। जात-पात की करो विदाई, हम सब हिंदू भाई-भाई। पैरों में पड़े छालों की अनदेखी कर हाथ में माइक थामें यात्रा की अगुवाई कर रहे बागेश्वर पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जब सनातनी एकता की बात करते तो हजारों स्वर माहौल को गुंजायमान करते।

    बिलौठी गांव की 70 वर्षीय हेमलता चौधरी ने धीरेंद्र शास्त्री के बारे में बहुत सुना था। सड़क किनारे उन्हें देखने आईं। फिर बोली, इनकी तो उम्र ही नहीं, लेकिन लाखों लोग इनके पीछे चल रहे हैं। जय हो महाराज की...। भारत को हिंदू राष्ट्र बनवाने की अपील पर नेपाल से भी पांच हजार लोगों का जत्था आया है। जयकारों में जो जोश है, वह यह बताने के लिए काफी है कि आस्था की डोर में सब कुछ बंधा है।

     

    सात किलोमीटर तक केवल और केवल पदयात्री ही दिखे

     

    सड़क पर करीब सात किमी तक केवल और केवल पदयात्री ही दिखे। यात्रा भोजन के लिए अकबरपुर में रुकी तो फिर मंच पर माइक थाम धीरेंद्र शास्त्री ने फिर कहा, हम एक साथ उठाकर लेंगे संकल्प बनाएंगे भारत को हिंदू राष्ट्र। फिर बोले, सभी ब्रजवासियों के चरणों में नाक रगड़कर दंडवत प्रणाम। फिर क्या था, इस अंदाज पर खूब जयकारे गूंजे। शाम करीब आठ बजे यात्रा रात्रि आठ बजे जैंत के राधा गोविंद मंदिर पहुंची। सुबह फिर से छटीकरा के चार धाम जाएगी। यहां भव्य समारोह में यात्रा को विराम दिया जाएगा। धर्मध्वजा धीरेंद्र शास्त्री संत महंतों के साथ ठाकुर बांकेबिहारी को अर्पित होगी।



    समापन में आएंगी हस्तियां

    मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव, तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य,परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के मुनि चिदानंद, अभिनेता अनुपम खेर, संजय दत्त, गायक जुबिन नौटियाल, योग गुरु रामदेव, कथावाचक आचार्य इंद्रेश, ठाकुर देवकीनंद, गायक वी प्राक, कैलाशानंद सरस्वती, रविदासानंद, राजू दास, साध्वी ऋतंभरा आदि समापन कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।