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    गुरुद्वारा गुरु नानक बगीची: यहां 40 दिन रहकर पढ़ाया परमेश्वर का पाठ, कान्हा की नगरी में आस्था का केंद्र

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 02:15 PM (IST)

    सिख धर्म के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव जी ने मथुरा में 40 दिन रहकर लोगों को परमेश्वर का पाठ पढ़ाया। गुरुद्वारा गुरु नानक बगीची, जहां वे रुके थे, आज सिख समुदाय के लिए आस्था का केंद्र है। यहां गुरु नानक जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है, जिसमें अखंड पाठ, कीर्तन और कथा जैसे कार्यक्रम होते हैं।

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    गुरुद्वारा गुरु नानक बगीची।

    जागरण संवाददाता, मथुरा। सिख धर्म के प्रथम गुरु गुरुनानक देव ने कान्हा की नगरी में 40 दिन रहकर परमेश्वर का पाठ लोगों को पढ़ाया। गुरुद्वारा गुरुनानक बगीची में वह रहे थे। इस कारण कान्हा की नगरी सिख समाज के लिए भी आस्था का केंद्र है। इस गुरुद्वारा में कई जिलों से श्रद्धालु आते हैं। बुधवार को गुरुनानक देव की जयंती मनाई जाएगी।

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    कान्हा की नगरी सिख समाज के लिए है आस्था का केंद्र


    कान्हा की नगरी में गुरुनानक जयंती हर्ष और उल्लास के साथ मनाई जाती है। सिख समाज के प्रथम गुरु गुरुनानक देव ने गुरुद्वारा गुरुनानक बगीची, मसानी पर 40 दिन रहकर लोगों को मानवता का संदेश दिया। वह दूसरी यात्रा के दौरान सन 1512 में शिष्य मरदाना और बाला के साथ मथुरा आए। मसानी बगीची पर रहे थे। उन्होंने लोगों को परमेश्वर और मानवता का पाठ पढ़ाया। एक दिन लोगों ने गुरुनानक को खारे पानी की समस्या से अवगत कराया।

     

     

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    गुरुद्वारा गुरुनानक बगीची पर रहे थे गुरुनानक देव

     

    गुरु नानकजी ने कुआं का निर्माण कराया और पानी मीठा निकला। गुरु नानक देव वृंदावन में किशोर टीला भी गए थे। यह स्थान गुरुनानक टीला के नाम से जाना जाता है। गुरुनानक देव जब आए, तो यहां बगीची थी। इसी कारण इसका नाम गुरुद्वारा गुरुनानक बगीची मसानी है। सेवादार सोहन सिंह ने बताया कि इस बगीची पर गुरुनानक देव 40 दिन रहे थे। खारे पानी की समस्या का समाधान कराया। यह बगीची आस्था का केंद्र है। गुरुनानक जयंती हर्ष और उल्लास के साथ मनाई जाती है। गुरुद्वारा को सजाया जाता है।

     

    आज अखंड पाठ का होगा समापन

     

    गुरुद्वारा गुरुनानक बगीची में सोमवार सुबह 9.30 बजे अखंड पाठ शुरू हुआ। अखंड पाठ का समापन बुधवार सुबह 9.30 बजे होगा। सुबह 10 बजे से सुबह 11 बजे तक संगत कीर्तन होगा। सुबह 11 बजे से सुबह 11.30 बजे तक कथा होगी। सुबह 11.30 बजे से दोपहर 12 बजे तक नाम सिमरन होगा। दोपहर 12 बजे से दोपहर 1.15 बजे तक रागी जत्था के कार्यक्रम होंगे।