मथुरा की बदलेगी सूरत, 74.72 अरब की 65 नई परियोजनाएं देंगी शहर को नया रूप
मथुरा शहर में 74.72 अरब रुपये की 65 नई विकास परियोजनाएं शुरू की गई हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य शहर के बुनियादी ढांचे को सुधारना, पर्यटन को बढ़ावा देना और स्थानीय लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना है। इन विकास कार्यों से मथुरा में विकास की एक नई लहर आने की उम्मीद है, जिससे निवासियों और पर्यटकों को लाभ होगा।

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान।
जागरण संवाददाता, मथुरा। कान्हा के ब्रज में अब विकास का पहिया और तेजी से घूमेगा। मथुरा-वृंदावन के समग्र विकास के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आनलाइन समीक्षा में काफी समय से लंबित 74. 72 अरब की परियोजनाओं को स्वीकृति दी।
इन 65 योजनाओं से ब्रज की सूरत बदलेगी। सीएम ने ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के लिए बनने वाले गलियारा के साथ ही श्रद्धालुओं के यमुना पार से आवागमन के लिए रोपवे बनाने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी।
यमुना पार से सिग्नेचर ब्रिज के पास ही रोपवे भी बनाया जाएगा। वृंदावन से गोकुल तक नेचरवाक भी बनेगा। इसमें पाथवे के दोनों ओर हरियाली होगी।
लखनऊ में आनलाइन समीक्षा बैठक में सीएम ने पाया कि पहले चरण की कार्ययोजना के रूप में वर्ष 2025-26 में मथुरा-वृंदावन में 14 प्राथमिक परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। 43.27 अरब की 35 योजनाएं स्वीकृत हो चुकी हैं।
काफी समय से 74.72 अरब रुपये की 65 योजनाएं लंबित थीं। इन्हें सीएम ने हरी झंडी दे दी। सीएम ने कहा कि ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के लिए गलियारा बनेगा। इसमें यमुना पार से आने वाले लोगों के लिए यमुना पर सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण होगा।
इसके लिए यमुना पार से बांकेबिहारी मंदिर तक रोपवे का बनना भी जरूरी है। रोपवे से आवागमन काफी सुलभ होगा। सीएम ने 270 करोड़ से यमुना पार बेगमपुर से जुगलघाट तक पीपीपी माडल पर रोपवे योजना को भी हरी झंडी दे दी।
वृंदावन से गोकुल तक यमुना के एक ओर नेचर वाक विकसित होगा। 50 करोड़ रुपये से बनने वाले नेचरवाक का पाथवे अब दो के बजाए तीन मीटर चौड़ा होगा। इसके दोनों ओर हरियाली होगी। इसे भी स्वीकृति मिल गई।
सीएम ने कहा कि वृंदावन में बनने वाले मीराबाई कन्वेंशन सेंटर के बजाए वहां मीराबाई के मंदिर का संरक्षण व जीर्णोद्धार हो, यहां जनसुविधाएं विकसित की जाएं। डेढ़ करोड़ रुपये की इस परियोजना को भी स्वीकृति दे दी गई।
इसी तरह ठाकुर बांकेबिहारी के प्राकट्यकर्ता स्वामी हरिदास के नाम पर बनने वाले प्रेक्षागृह में स्वामी हरिदास की दस फीट ऊंची प्रतिमा भी लगाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यातायात सुधार, चौराहों का पुनर्विकास, मल्टीलेवल पार्किंग, हरित क्षेत्र, सड़क और पेवमेंट सुधार, बिजली लाइनों का भूमिगतकरण, जल प्रबंधन, पर्यटन सुविधाओं का उन्नयन और शहरी सुंदरीकरण पर प्राथमिकता से कार्य किया जाए।
बैठक में मथुरा-वृंदावन के लिए प्रस्तुत मास्टर प्लान के तहत शहर को ''विजन-2030'' के रूप में विकसित करने पर चर्चा हुई।
बताया गया कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए स्ट्रीट फसाड डवलपमेंट, मल्टीलेवल पार्किंग, बस पार्किंग, प्रवेश द्वारों का सुंदरीकरण, नए मार्गों का निर्माण, बरसाना-गोवर्धन-राधाकुंड गलियारा सुधार, परिक्रमा मार्ग पर सुविधाएं और नगर प्रवेश से धार्मिक स्थलों तक संकेतक एवं प्रकाश व्यवस्था की योजना शामिल हैं।
सीएम ने कहा कि अधिकारी रेवेन्यू शेयरिंग माडल पर निजी क्षेत्र का सहयोग लें और जहां संभव हो वहां पीपीपी मोड अपनाएं। एमवीडीए के उपाध्यक्ष एसबी सिंह ने बताया कि लंबित योजनाओं को सीएम की स्वीकृत मिल गई है।
इन प्रमुख योजनाओं की भी मिली स्वीकृति
- मथुरा बांगर में नगर निगम भूमि पर मिनी स्टेडियम का निर्माण।
- ब्रज अर्बन हाट का निर्माण होगा।
- मसानी से गोकुल तक सड़क का सुंदरीकरण होगा।
- जवाहरबाग में श्रीकृष्ण लीला पर आधारित कृष्णलोक थीम पार्क बनेगा।
- कृष्णा नगर में व्यावसायिक प्लाजा के साथ बहुंजिला कार पार्किंग।
- मथुरा में एकीकृत नियंत्रण केंद्र का निर्माण।
- बरसाना में राधारानी मंदिर के ब्रह्मांचल पर्वत पर प्रवेश द्वार व मार्ग का विस्तारीकरण।
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